सीएमडी कॉलेज के तत्वाधान में आयोजित हुआ उच्चशिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए राज्य स्तरीय वेबीनार
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के सुप्रसिध्द उच्च शिक्षा संस्थान सी. एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय के द्वारा उच्चशिक्षा संचालनालय, छत्तीसगढ़ शासन के मार्गदर्शन में आज 16 जुलाई को ‘‘माॅनिटरिंग ऑफ क्वालिटी एण्ड एक्सिलेंस इन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट‘‘ पर राज्य स्तरीय वेबीनार आयोजित किया गया। यह वेबीनार मुख्यतः अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लक्ष्य पर केन्द्रित था। वेबीनार के आरंभ में सी. एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय के शासी निकाय के अध्यक्ष पं. संजय दुबे ने उच्चशिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहां कि हमारे महाविद्याालय को शासन के द्वारा इस राज्यस्तरीय वेबीनार के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई। यह हमारे लिए एक सुअवसर और गर्व का विषय है। उन्होनें इस वेबीनार में भाग ले रहे अत्यंत महत्वपूर्ण अतिथियों और विद्वान वक्ताओं – प्रो. जी. डी. शर्मा, कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर, श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी, एडिशनल डायरेक्टर, उच्चशिक्षा, छत्तीसगढ़ शासन, डाॅ. अरुण सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, रुसा, उच्चशिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, डाॅ. जी. ए. घनश्याम, ओ.एस.डी., उच्चशिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, डाॅ. वेणुगोपाल, कोआर्डीनेटर (नैक, आई. क्यू. ए.सी.) एवं अस्सिटेंट डायरेक्टर, रुसा, उच्चशिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, तथा विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों का वेबीनार के आयोजन से जुड़े महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. संजय सिंह, डाॅ. व्ही. के. गुप्ता, डाॅ. श्रीमती वीणापाणी दुबे, डाॅ. कमलेश जैन तथा डाॅ. श्रीमती एस. पावनी को बधाई देते हुए इस आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनायें ज्ञापित की। इन्होनें कहां कि लगन और टीम वर्क से हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। हमें आशा और विश्वास है कि सभी प्रतिभागी महाविद्यालय इस वेबीनार से लाभान्वित होगें। श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी ने कहां कि उच्चशिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को हमें एक मिशन की तरह लेना चाहिए तथा इसमें योगदान देकर अपने सेवाकाल को सार्थक बनाना चाहिए। प्रो. जी. डी. शर्मा, कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर ने अपने उद्बोधन में कहां कि सी. एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय को उच्चशिक्षा विभाग के द्वारा इस महत्वपूर्ण वेबीनार के आयोजन के लिए चुना जाना गर्व का विषय है। यह वेबीनार न केवल महाविद्यालयों में उच्चशिक्षा की गुणवत्ता के विकास के प्रयासों के विभिन्न पक्षों के प्रति समझ बढ़ाने से संबंधित है बल्कि इन प्रयासों की सतत् माॅनिटरिंग से भी संबंधित है। इस पूरी प्रक्रिया में आई. क्यू. ए. सी. की केन्द्रीय भूमिका होती है। वर्तमान में जिन महाविद्यालयों को जो स्थान और ग्रेड प्राप्त है उससे आगे जाने के लिए उन्हें सजग रह कर प्रयास करना चाहिए। प्रो. जी. ए. घनश्याम ने अत्यंत महत्वपूर्ण उद्बोधन में अत्यंत विस्तार और गहराई से गुणवत्ता विकास के विभिन्न पक्षों का उल्लेख किया। उन्होंने कहां कि विभिन्न अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों को एक मंच पर लाने और हाॅरियेंटल एवं वर्टिकल गुणवत्ता विकास के बीच संतुलन कायम करना हमारा लक्ष्य है। प्रत्येक प्राध्यापक को यह सुनिश्चित करना चाहिए की गुणवत्ता विकास में वह व्यक्तिगत रुप से क्या और कैसे योगदान दे सकता है। प्रत्येक संस्था का दूसरी संस्था की तुलना में खुद से ही प्रतिस्पर्धा करना गुणवत्ता विकास के लिए अधिक महत्वपूर्ण होगा। प्रो. घनश्याम ने इस अवसर पर प्रसन्नता पूर्वक स्मरण किया की वे सी. एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अंग्रेजी विभाग में अध्ययनरत् रह चुके है। डाॅ. अरुण सिंह ने कहां कि नैक के द्वारा जब किसी उच्चशिक्षा संस्थान का मूल्यांकन कर उसका स्थान निर्धारित कर दिया जाता है तो यह चुनौती उत्पन्न होती है कि उससे अधिक आगे कैसे जाया जा सकता है। इसमें संस्था प्रमुख के नेतृत्व कौशल की प्रमुख भूमिका होती है। संस्था प्रमुखों को अपने अधाीनस्थों के कर्तव्यों के साथ – साथ उनके अधिकारों की पूर्ति के विषय में भी ध्यान देना चाहिए। नाॅन टीचिंग स्टाॅफ के लिए भी स्किल डेव्लपमेंट के प्रोग्राम आयोजित करना चाहिए। डाॅ. अरुण सिंह ने वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी महत्वपूर्ण स्त्रोतों का उल्लेख किया। वेणुगोपाल ने नैक में आनलाईन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से परिचित कराया। प्रतिभागीयों के प्रश्नों का उत्तर प्रो. जी. ए. घनश्याम, प्रो. अरुण सिंह ने दिया। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. संजय सिंह ने इस वेबीनार में सम्मिलित सभी विद्वान वक्ताओं के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने विशेष रुप से उच्चशिक्षा विभाग एवं शासी निकाय के अध्यक्ष माननीय पं. संजय दुबे के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहां कि उनसे प्राप्त प्रेरणा और मार्गदर्शन के बल पर ही हम ऐसे महत्वपूर्ण आयोजनों को सफलतापूर्वक संपन्न कर पाते है। सभी प्रतिभागीयों के प्रति भी इन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्राचार्य डाॅ. संजय सिंह ने यह भी स्पष्ट किया की अगर किसी भी महाविद्यालय को नैक में सहयोग की आवश्यकता हो तो सी. एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय सदैव महाविद्यालयों को सहयोग प्रदान करेगा। वेबीनार की समन्वयक डाॅ. श्रीमती वीणापाणी दुबे ने सभी अभ्यागतों के व्यक्तव्यों के मुख्य विचारों को संक्षिप्त रुप में प्रस्तुत करते हुए सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस वेबीनार का संचालन वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. व्ही. के. गुप्ता ने किया। डाॅ. श्रीमती एस. पावनी, विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर साइंस विभाग ने वेबीनार के तकनीकी पक्ष का संचालन किया। इस वेबीनार में लगभग 150 प्रतिभागीयों ने हिस्सा लिया।