सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई चेक बाउंस और आर्बिट्रेशन मामलों में नोटिस दायर करने की अवधि
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के चलते चेक बाउंस और आर्बिट्रेशन मामलों में नोटिस, अर्जी और मुकदमे आदि दायर करने की कानून में तय अवधि को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है. बाकी सभी कानूनों से संबंधित मामलों में तय अवधि को सुप्रीम ने 23 मार्च को ही बढ़ा दिया था. सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश पिछली 15 मार्च से प्रभावी माना जाएगा.
इसके मायने ये हैं कि लॉकडाउन में अगर कोई व्यक्ति या वकील जिस किसी मामले में कोई कानूनी कार्रवाई करना चाहता है, तो उस मामले से संबंधित कानून में उस मामले के विवाद को लेकर नोटिस जारी करने, नोटिस का जवाब देने, कोर्ट में कोई अर्जी, याचिका या मुकदमा दायर करने के बारे में जो समय सीमा तय है, उससे अभी छूट रहेगी यानी लॉकडाउन में अगर कोई व्यक्ति या वकील अपने मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर पाया है तो उसे लॉकडाउन खत्म होने के बाद और समय मिलेगा जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट बाद में नया आदेश जारी करेगा.
दरअसल, हर तरह के विवाद में संबंधित कानून में दोनों पक्षों लिए कानूनी कार्रवाई करने की समयावधि तय है. अगर ये समयावधि निकल जाए तो फिर उस मामले में प्रभावित व्यक्ति कानूनी लड़ाई से बाहर माना जाता है और वह उस मामले में कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार खो देता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब लॉकडाउन में किसी का नुकसान नहीं होगा.