सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर पर कहा- हमारे आदेश की अवहेलना न की जाए

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) पर आदेश याद दिलाते हुए कहा कि हमारे आदेश की अवहेलना न की जाए. आपकी ज़िम्मेदारी है कि उसका पालन करवाएं.

सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर व दूसरी धार्मिक जगहों पर महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को गुरुवार को सात जजों की बड़ी पीठ को भेज दिया है. इसके चलते मंदिर में महिलाओं के दाखिल होने का पुराना फैसला अभी बना हुआ है.

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि 28 सितंबर 2018 के फैसले पर कोई स्टे नहीं है, जिसमें 10 व 50 आयु के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के प्रतिबंध को हटा दिया गया है. इसके मायने हैं कि सभी आयु वर्ग की महिलाएं बड़ी पीठ का फैसला आने तक मंदिर की यात्रा कर सकती हैं.

सबरीमाला का दो महीने लंबा सीजन रविवार से शुरू हो रहा है, ऐसे में मंदिर की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा के जरिए 36 महिलाओं ने पंजीकरण कराया है. संयोग से यह पंजीकरण सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार के फैसले से पहले हुआ है.


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