सूचना देने से कतरा रहे जन सूचना अधिकारी

मालखरौदा. मालखरौदा जनपद पंचायत में जन सूचना अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाने से जन सूचना अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं। ग्राम पंचायत चिखली से जुड़ी सूचनाएं मांगने पर जन सूचना अधिकारी सूचना देने से कतरा रहे हैं। ऐसे में गांव  से जुड़ी जानकारी नहीं मिलने पर विकास कार्यों में पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। आवेदक करन अजगल्ले  का कहना है कि गांव के विकास कार्यों में गोलमाल होने के कारण जिम्मेदार आरटीआई की चिट्ठी देखते ही दूर भाग रहे हैं। जिले के कई जनसूचना अधिकारी राज्य सूचना आयोग से दंडित भी हो चुके हैं। उसके बाद भी इसका कोई असर नहीं हो रहा है।

मालखरौदा ब्लॉक के चिखली से जुड़ी जानकारी मांगने के एक माह बाद भी ग्राम पंचायत अधिकारी ने मुहैया नहीं कराई गई  बस एक लेटर भेज दिया जाता है की आपको जानकारी दे दिया जायेगा निर्धारित शुल्क आके जमा कर देवे कहकर मगर शुल्क जमा करने के लिए पंचायत जाओ तो ताला लगा रहता है और फोन करने पर फोन ही नही उठाया जा रहा है। आवेदक ने आरटीआई के तहत  ग्राम पंचायत के जन सूचना अधिकारी से सूचना मांगी थी जिससे ग्राम पंचायत में 14 वें वित्त की राशि  को लेकर कई खुलासे हो सकते है ऐसा लगता है मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम पंचायत चिखली में इस राशि में जमकर भ्रस्टाचार किया गया होगा इस कारण ग्राम पंचायत के जन सूचना अधिकारी जानकारी देने से कतरा रहे है। मालखरौदा ब्लॉक में कई ऐसे सचिव है जो आरटीआई की आवेदन को देखकर उसे स्वीकार करने से ही मना कर देते है इस कारण सूचना प्राप्त करने रजिस्टर डाक से आवेदन भेजना पड़ता है इसके बाद भी जानकारी देने में ग्राम पंचायत के जन सूचना अधिकारी के पसीने छूट रहे है कि कही जानकारी देने से उनके द्वारा किये गए हेरफेर का भंडाफोड़ न हो जाय। इस पूरे मामले में आवेदक ने ब्लॉक सीईओ से शिकायत करने की बात कही।
आरटीआई से जानकारी नही देना बना फैशन
मालखरौदा ब्लॉक ग्राम पंचायत चिखली  में  जन सूचना अधिकारि द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम की जमकर अव्हेलना की जा रही है जानकारी मांगने पर जानकारी नही देना जन सूचना अधिकारि यों का फैशन बन गया है।सूचना का आधिकार अधिनियम 2005 के तहत कोई भी आम आदमी किसी भी सरकारी योजना या कार्य के लिए आये राशि या अन्य चीजो की जानकारी ले सकते है मगर वही दूसरी ओर ग्राम पंचायत से जुड़ी विकास कार्यों की जानकारी मांगने पर जानकारी नही दी जा रही है ऐसे में किस कदर ग्राम पंचायत में विकास कार्यों पर भ्रस्टाचार किया गया होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

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