सैनिकों और पेंशनरों के भत्ते की राशि काटने के बजाय केंद्र सरकार बजट में मितव्ययिता बरत कर फिजूलखर्ची पर रोक लगाये

रायपुर. अप्रेल माह में ही सांसदों के निर्वाचन क्षेत्र भत्ते को बढ़ाकर ₹49000 प्रतिमाह किए जाने और सहायक नियुक्ति भत्ते को बढ़ाकर ₹40000 प्रतिमाह किए जाने और केंद्रीय कर्मचारियों सैनिकों और पेंशनरों से भत्ता छीनने पर कड़ी आपत्ति करते हुए कांग्रेसी संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि करोना काल में ही सांसदों के लिए भत्ता बढ़ाया जा रहा है और पेंशनरों से भक्ता छीना जाना दोहरा आचरण है। केंद्रीय कर्मचारियों सैनिकों और पेंशनरों के भत्ते की राशि काटने के बजाय केंद्र सरकार को अपने ढाई लाख करोड़ के बजट में मितव्ययिता बरतकर फिजूलखर्ची पर रोक लगानी चाहिये। दिल्ली में 20 हजार करोड़ के सेंट्रलविस्टा प्रोजेक्ट और एक लाख 10 हजार करोड़ के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को खारिज किया जाना चाहिये। इस राशि से देश के गरीब मजदूर किसानों छोटे व्यापारियों छोटे-छोटे उद्योग धंधा करने वालों की करोना के कारण हुयी क्षतिपूर्ति की राशि दे देना चाहिये। करोना का नाम लेकर कर्मचारियों सैनिकों और बुजुर्ग पेंशनरों से भत्ते की राशि छीनना और सांसदों का भत्ता बढ़ाना ठीक नहीं है।

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