January 4, 2021
हनुमान या लक्ष्मण फल के नाम से भी जाना जाता है ये फल, खाने से मिलते हैं ये फायदे
सरसोप या ग्रेविओला को हिंदी में हनुमान फल या लक्ष्मण फल के नाम से भी जाना जाता है। इसके फलों का इस्तेमाल बीमारियों के इलाज के लिए पारंपरिक काढ़ा बनाने में किया जाता है।
सरसोप या ग्रेविओला को हिंदी में हनुमान फल या लक्ष्मण फल के नाम से भी जाना जाता है। यह अन्नोसेए परिवार से संबंधित अन्नोना म्यूरीकाटा नाम के छोटे पर्णपाती उष्णकटिबंधीय सदाबहार पेड़ का फल है। इसके फलों का इस्तेमाल फूड कन्फेक्शनरी के तौर पर किया जाता है, जबकि पत्ते, छाल, जड़ें, फली और बीजों का इस्तेमाल बीमारियों के इलाज के लिए पारंपरिक काढ़ा बनाने में किया जाता है।
एक स्टडी के मुताबिक, हनुमान फल के पौधे में लगभग 212 फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जिनमें एल्कलॉइड, मेगास्टिगमन, फ्लेवोनोल ट्राइग्लोसाइड्स, फिनोलिक्स, साइक्लोपेप्टाइड्स और आवश्यक तेल शामिल हैं। साथ ही वे एंटीकैंसर, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-ऑर्थ्रेटिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीकॉन्वल्सेंट, हेपेटोप्रोटेक्टिव और एंटीडायबिटिक मैकेनिज्म के लिए भी फायदेमंद हैं।
हनुमान फल में पाए जाने वाले पोषक तत्व
100 ग्राम हनुमान फल में 81.16 ग्राम पानी और एनर्जी की 276 के.जे. मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें 1 ग्राम प्रोटीन, 3.3 ग्राम खाने वाला फाइबर, 14 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.6 मिलीग्राम आयरन, 21 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 278 मिलीग्राम पोटेशियम, 27 मिलीग्राम फॉस्फोरस, 0.1 मिलीग्राम जिंक, 20.6 मिलीग्राम विटामिन सी और 14 एमसीजी फोलेट होता है।
अल्सर का इलाज करता है
फ्लेवोनोइड्स, टैनिन और ट्राइसेप्स जैसे सक्रिय यौगिकों की मौजूदगी के कारण हनुमान फल में अल्सर-रोधी गुण होते हैं। यह पेट के अल्सरेटिव घावों या गैस्ट्रिक अल्सर को कम करने में मदद कर सकता है और इसके तंत्र को बेहतर करता है।
लिवर को नुकसान से बचाता है
एक स्टडी में ग्रेविओला की हेपाप्रोटेक्टिव और बिलीरुबिन- लोवरिंग एक्टिविटी के बारे में बताया गया है। बिलीरुबिन की उच्च मात्रा लिवर के नुकसान और बीमारी की तरफ इशारा करती है। हनुमान फल का सेवन कार्बन टेट्राक्लोराइड और एसिटामिनोफेनके टॉक्सिन से लिवर की रक्षा करते हुए बिलीरुबिन के हाई लेवल को सामान्य स्तर तक लाने में मदद कर सकता है।
गठिया के दर्द के इलाज में मददगार

डायबिटीज को कंट्रोल में रखता है
कैंसर को रोकने वाले गुणों से भरपूर
ब्लड प्रेशर को मैनेज करता है
प्रोटोजोअल संक्रमण का इलाज करता है
दर्द को कम करता है
मलेरिया के इलाज में प्रभावी