हम नहीं सुधरेंगे : सरकार बदल गई लेकिन सिम्स की व्यवस्था नहीं बदली

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स में अव्यवस्था का आलम बना हुआ है।भारतीय जनता पार्टी की सरकार में तो सिम्स एक राजनीति का अड्डा हुआ करता था।क्योंकि यहां के डॉक्टर इलाज कम और एक दूसरे को निपटाने में ज्यादा लगे रहते थे।वही बड़े मंत्रियों के इर्द गिर्द रहकर अपने ट्रांसफर बचाते रहते थे।छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार आयी तो सिम्स के कई डॉक्टरों का तबादला किया गया।जिसके बाद तो ऐसा लगा कि यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधर जायेगी।और बेलगाम कर्मचारी लाइन पर आ जायेंगे।मगर सिम्स में ऐसा कुछ भी होता नही दिख रहा है।प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एक ओर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में लगे है।तो सिम्स के कुछ डॉक्टर व कर्मचारी अब भी पुराने रवैये पर चल रहे है।जिसका खामियाजा मरीजों को व उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है।सिम्स में आने वाले गंभीर मरीजों को केजुअल्टी व वार्डो तक जाने के लिए व्हीलचेयर व स्ट्रेचर तक नही मिल रहे है।ऐसे में मरीजों के परिजनों द्वारा गोद मे हाथ व कंधो के सहारे वार्ड तक पहुचाया जा रहा है।ऐसे नजारे सिम्स में हर दिन देखने को मिलते है।दो दिन पहले ही कोनी में एक अधेड़ ठंड की वजह से बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ था।जिसे डायल 112 की टीम उपचार के लिए सिम्स लेकर आयी।लेकिन गेट पर व्हीलचेयर व स्ट्रेचर तक नही मिले।और कोई कर्मचारी भी मरीज को लेने नही आया।ऐसे स्थिति में पुलिस के जवानों ने मरीज की हालत को देखते हुए चादर के सहारे ही उसको उठाकर इमरजेंसी वार्ड तक लेकर गये।तब कही उसका उपचार शुरू हो सका।

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