हवाई अड्डे का न होने से व्यापारियों की उन्नति रूक सी गई है : छाबड़ा


बिलासपुर. हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का अखंड धरना आंदोलन के 216वें दिन समिति के सदस्य धरने पर बैठे। वक्ताओं ने नये साल के प्रथम माह में हर हाल मेें बिलासपुर में हवाई सेवा प्रारंभ किये जाने की मांग की और वरिष्ठ नागरिकों व माल धक्का व्यपारी भाईयों ने बिलासपुर हवाई अड्डा प्रारंभ होने की आकांक्षा जतायी तथा इस तरह सफल नुक्कड़ सभा का आयोजन भी हमारे बिलासपुर के रेलवे परिक्षेत्र के व्यापारी भाई व वरिष्ठ नागरिकों के सहयोग से सम्पन्न हुआ।


कडी ठंड और हल्कि हवाओं के साथ शीत लहर के मौसम के बीच में समिति के सदस्य और व्यापारी भाई बिलासपुर में हवाई सुविधा की मांग के लिए धरने पर बैठे। चन्दर छाबड़ा व्यापारी संघ अध्यक्ष रेलवे ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि हवाई सेवा समिति के धरने का 215वां दिन बीत चुका है, परन्तु हम भावी पीढी की सुविधा के लिए इस आंदोलन में बैठे है और साथ ही यह भी चाहते है कि हवाई जहाज में सफर का अवसर अपने बिलासपुर हवाई अड्डे से मिले। बिलासपुर में हवाई अड्डे का न होने से व्यापारियों का व्यापार में उन्नति रूक सी गई है क्यों की हवाई सुविधा के न होने से व्यापारियों को ट्रेन से सफर करना होता है रायपुर के व्यापारी बिलासपुर के व्यापारियों से ज्यादा अच्छे से हवाई सुविधा होने से व्यापार कर पा रहा है जो हम बिलासपुर के व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा सौतेला व्यवहार है, हम केन्द्र सरकार से मांग करते है कि जल्द से जल्द ही कमी को दूर किया जाये।

सभा को संबोधित करते हुए अब्दुल खान ने 1988 में बिलासपुर से भोपाल और दिल्ली के बीच चलाये गये वायुदूत हवाई जहाज का जिक्र करते हुये कहा कि 32 साल में हमारा स्तर उन्नयन होने के बजाय नीचे आ गया है आज हमसे छोटे कई शहर जैसे झारसुगडा में बड़ा एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुका है और बिलासपुर को छोड दिया गया है। सभा को संबोधित करते हुये अब्दुल ने कविता के माध्यम से अपनी बात कही ‘‘ बिलासा दाई के एही है गोठ, बिलासपुर एयरपोर्ट ला करो सपोर्ट’’ और कहा कि बिलासपुर वैसे तो शांत शहर है पर उसके धैर्य की परीक्षा न ली जाये अन्यथा जोन आंदोलन का इतिहास दोहराया जायेगा। और उन्होंने युवा शक्ति के द्वारा आंदोलन को तेज करने की बात कहते हुये कहा कि 215वें दिन बीत जाने के बाद भी शांतिपूर्वक आंदोलन की सुनवायी न होना खेदजनक है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर क्षेत्र को कोयला उत्पादन और बिजली उत्पादन कर केवल प्रदूषण देने के लिए छोड़ दिया गया है। जबकि विकास का पूरा लाभ रायपुर और दिल्ली भेजा जा रहा है। हमें इस स्थिति को अपने संघर्ष से बदलना ही होगा। केएस मूर्ति रेलवे मजदूर कांग्रेस ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि बिलासपुर एयरपोर्ट इस पूरे क्षेत्र का हक है और यह खेद का विषय है कि हजारों करोड़ राजस्व देने वाले बिलासपुर अंचल को आंदोलन के लिय बाध्य होना पड़ रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ राज्य बनने के बाद उम्मीद थी कि बिलासपुर का तेजी से विकास होगा, लेकिन सभी सरकारों ने केवल रायपुर के आस-पास ही विकास को केन्द्रित रखा है जबकि बिलासपुर रेल्वे एक ऐसा रेल्वे है जो रेल्वे लदान का 18 प्रतिशत लाभ केवल बिलासपुर से ही जाता है लेकिन केन्द्र सरकार केवल यहा से लाभ प्राप्त कर रही है इसके एवज में बिलासपुर को केवल सौतेलापन ही मिला है। मूर्ति ने जनसंघर्ष समिति के सदस्यों से आंदोलन तेज करने की अपील की और कहा कि चकरभाठा एयरपोर्ट न केवल बिलासपुर जिला बल्कि मुंगेली-जांजगीर-चांपा-बलौदा बाजार और बेमेतरा जिले के केन्द्र में स्थित है। यहां से हवाई सुविधा होने पर यह शीघ्र रायपुर एयरपोर्ट का मुकाबला करेगा साथ ही बिलासपुर से सीधी हवाई सुविधा होने पर पूरे क्षेत्र को लाभ होगा और यहां का व्यापार व्यवसाय भी बढेगा। रेलवे परिक्षेत्र के नुक्कड़ सभा में पार्षद अब्दुल खान, साई भास्कर, कमलेश दुबे, राकेश सिंह, नसीम खान, हितेश तिवारी, के.एस मुर्ति, रमेश भोजवानी, मिन्टू सलूजा, रोहित तामंग, सुभाष अग्रवाल, पार्षद रविन्द्र सिंग, बलजीत सलूजा आदि उपस्थित हुए। समिति की ओर से महेश दुबे, अशोक भण्डारी, सुदीप श्रीवास्तव, मनोज तिवारी, देवेन्द्र सिंह बाटू, बद्री यादव, केशव गोरख, राघवेन्द्र सिंह, निक्कू चौबे, मनोज श्रीवास आदि उपस्थित हुए। आज धरना आंदोलन में सुदीप श्रीवास्तव उपस्थित थे।

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