हाथरस : बलरामपुर केस पर UN ऑफिसर के कमेंट पर भारत ने दिया करारा जवाब


नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के हाथरस और बलरामपुर में हुई वारदातों पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र की स्थाई समन्वयक (UN Resident Coordinator) की टिप्पणी को गैरजरूरी (unwarranted comment) बताया.  भारत ने सोमवार (5 अक्टूबर) को कहा कि ”किसी भी बाहरी एजेंसी के कमेंट को नजरअंदाज करना ही ठीक होगा. क्योंकि मामलों में जांच अभी जारी है. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार इन मामलों को बेहद गंभीरता से ले रही है.”

वेबुनियाद है संयुक्त राष्ट्र पदाधिकारी का कमेंट
संयुक्त राष्ट्र पदाधिकारी के कमेंट पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा की कुछ हालिया घटनाओं को लेकर UN की स्थाई समन्वयक द्वारा कुछ कमेंट्स किए गए हैं. उन्होंने कहा, ”भारत में संयुक्त राष्ट्र की स्थाई समन्वयक को यह मालूम होना चाहिए कि सरकार ने इन मामलों को बहुत गंभीरता से लिया है.”

श्रीवास्तव ने कहा, मामले की जांच का प्रोसेज जारी है इसलिए इस तरह के कमेंट्स को नजरअंदाज करना ही बेहतर होगा.” आगे विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ”बताया कि संविधान सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है और लोकतंत्र होने के नाते हमारे पास समाज के सभी तबकों को न्याय देने का ऐसे रिकॉर्ड है जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है.”

गौरतलब है कि भारत में महिलाओं और नाबालिकों के दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र की स्थाई समन्वयक रेनाटा डेसालिएन ने कहा कि हाथरस और बलरामपुर में की वारदातों से जाहिर होता है कि भारत में समाज के वंचित तबके के लोगों को लिंग आधारित हिंसा/अपराध का खतरा ज्यादा है. हालांकि उन्होंने अपने एक बयान में पीड़िता को न्याय और दोषियों को सजा देने की मांग की. उनके बयान में यह भी कहा गया है कि भारत में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ लगातार हो रही यौन हिंसा को लेकर संयुक्त राष्ट्र दुखी और चिंतित है.

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