ज़िला पंचायत अध्यक्ष ने कंचनपुर के ग्रामीणों को रोका-छेका कार्यक्रम में शपथ दिलाई


बिलासपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक व्यवस्था ” रोका-छेका ” को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत मवेशी पालकों को उनके मवेशियों को इतना व्यवस्थित और नियंत्रित रखने की समझाइश दी जा रही है जिससे वे किसानों की फसल को नुकसान न पहुंचा सकें। इसी के तहत आज कोटा ब्लाक के कंचनपुर गांव में जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने किसानों को रोका-छेका को सफल बनाने के लिए  शपथ दिलाई। इस अवसर पर जनपद सीईओ सन्ध्या रानी कुर्रे भी उपस्थित थीं। जिन्होने किसानों को कृषि से सम्बंधित योजनाओं की जानकारी दी ।कंचनपुर के गोठान में वर्मी खाद बनायी जा रही है। इसी खाद के प्रयोग साग-सब्जी उगाई जा रही है। पशुओं के लिए चारा भी उगाया जा रहा है। कार्यक्रम में कृषि विभाग से सम्बंधित सभी विभागों के अधिकारी,कर्मचारी उपस्थित थे। ज़िला पंचायत अध्यक्ष श्री अरुण सिंह चौहान ने किसानों को धान और अरहर के  उन्नत बीज का वितरण भी किया। साथ ही चारा काटने की मशीन भी दी गई। इस कार्यक्रम में किसानों का सम्मान भी किया गया । इस अवसर पर अरुण सिंह चौहान ने कहा धान की बुवाई के पूर्व पशुओं को खेती की भूमि से अलग रखने की हमारी परंपरा रही है। जिससे फसलों को नुकसान न हो। किन्तु यह परम्परा कालातीत हो गयी थी। ,जिसका दुष्परिणाम, किसानों को फसल के नुकसान के रूप में उठाना पड़ता था । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने “रोका-छेका ” कार्यक्रम की शुरुवात करके परम्परा के महत्व और लाभ को पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया है। वे किसानों की समृद्धि और विकास के लिए संकल्पित हैं। जिसका सुखद परिणाम भविष्य में दिखेगा। कार्यक्रम में कोटा जनपद पंचायत के अध्यक्ष गणेश मरकाम, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय,पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष संदीप शुक्ला,पूर्व पार्षद चन्द्र प्रकाश बाजपेयी और बड़ी संख्या में ग्रामीण ,किसान, उपस्थित थे।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!