चिटफंड मामले में दोगुनी राशि करने का लालच देकर पैसे हड़पने वाले आरोपी को 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर । चिटफंड मामले में दोगुनी राशि करने का लालच देकर पैसे हड़पने वाले आरोपी लक्ष्मी नारायण पिता स्व. लख्खूराम नामदेव उम्र 50 साल निवासी-गुना को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमान प्रशांत सक्सेना की अदालत ने दोषी करार देते हुये भादवि की धारा- 420 एवं 120 (बी), के तहत 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच-पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा- 406 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच-पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड तथा धारा- 6 म.प्र. निक्षेपको के हितों का संरक्षण अधि. 2000 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया। उक्त प्रकरण के दो आरोपी फरार है। मामले की पैरवी उप-संचालक अभियोजन धर्मेंद्र सिंह तारन के निर्देशन में अपर लोक अभियोजक श्री दीपक कुमार जैन ने की ।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी मीडिया प्रभारी ने बताया कि पुरव्याऊ कैंची ब्रांच सागर निवासी उमेश कुमार चोधरी के द्वारा थाना कोतवाली में दिनांक 28-04-22 को आवेदन पत्र दिया कि जी लाईफ डेव्लपर एंड कॉलोनाइजर प्राइवेट लिमि. के डायरेक्टर लक्ष्मीनारायण नामदेव निवासी गुना ने उसे तथा उसके जैंसे अन्य व्यक्तियों को वर्ष 2010 में उक्त कंपनी के ब्रॉसर, प्रोफाइल पंपलेट अन्य दस्तावेज तथा कई अन्य प्रकार की फर्जी स्कीमें बताकर अधिक राशि का बोनस एवं ब्याज का प्रलोभन देकर उससे तथा अन्य लोगों से लाखों रूपए निवेश करवाए। लक्ष्मीनारायण उनके घरों से राशि ले जाता था, मेच्योरिटी का समय पूरा होने पर आरोपी लक्ष्मीनारायण नामदेव ने उन लोगों से ओरिजनल पॉलिसीयां और दस्तावेज लेकर खुदके हस्ताक्षरित छोटी रसीद दी परंतु पैसे नहीं दिए। फोन करने पर फोन बंद मिला। गुना की आफिस में ताला लगा मिला। आरोपी लक्ष्मीनारायण नामदेव तथा अन्य निर्देशक निवेशकों की राशि हड़प कर भाग गए। आवेदन पर से थाना कोतवाली में लक्ष्मीनारायण एवं उनके सहयोगीयो के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए। महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए, आरोपी लक्ष्मीनारायण नामदेव को गिरफ्तार कर आवश्यक कार्यवाही उपरांत जेल भेजा गया विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन ने साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित कर मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्रीमान प्रशांत सक्सेना की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।