109वें दिन बौद्ध समाज एवं पूज्य सिंघी पंचायत जूना बिलासपुर के सदस्य धरने पर बैठे
बिलासपुर. अखण्ड धरना के 109वें दिन धरने में बौद्ध समाज एवं पूज्य सिंधी पंचायत जूना बिलासपुर के सदस्य शामिल हुये। बौद्ध समाज के सदस्यों ने कहा हमने बिलासपुर को काफी करीब से जाना है, इस शहर में विकास की अपार संभावना है। कुछ समय पहले तक बिलासपुर की पहचान अलग थी, जैसे-जैसे वक्त का दौर बदला बिलासपुर की पहचान बदलती गयी और बिलासपुर ने अपनी एक समृद्धि और गौरवशाली पहचान बनाने के रास्ते पर निरन्तर अग्रसर है। बिलासपुर ने काफी संघर्ष से रेल्वे जोन हासिल किया, न्यायधानी बना और शिक्षा के क्षेत्र में भी शहर एक बहुत बडा नाम बन चुका है। बडे-बडे महानगरो से छात्र आकर विद्यार्जन करते है, ऐसे में शहर को हवाई सुविधा प्रदान किये जाने से बिलासपुर का विकास दु्रत गति से दौड पडेगा। बौद्ध समाज के अध्यक्ष नंदलालपुरी व कन्हैया मोटवानी ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि बिलासपुर में छत्तीसगढ़ राज्य का हाईकोर्ट है, रेल्वे को सबसे अधिक आय देने वाला दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे का मुख्यालय बिलासपुर में है, राज्य का एक मात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय भी बिलासपुर में है। इसके अतिरिक्त 100 किलोमीटर की परिधि मेें कोरबा, जांजगीर-चांपा, मुंगेली एवं पेण्ड्रारोड जिला मुख्यालय भी है। इनमें कई जगहों पर बडे औद्योगिक संस्थान कार्यरत है। छत्तीसगढ के सरगुजा संभाग और रायगढ़ क्षेत्र का भी नजदीकी हवाई अड्डा बिलासपुर ही है, अर्थात् उत्तरी छत्तीसगढ़ जिसकी आबादी लगभग 1.50 करोड है, उसके लिए बिलासपुर ही सही संपर्क स्थल है। ऐसे में हवाई सुविधा इस क्षेत्र विकास की अहम आवश्यकता है। समाज के सारंग राव हुमने, रोशन नागदौने व बबला मेश्राम ने मांग के समर्थन में कहा कि राज्य बनने के 19 साल के अंदर बिलासपुर और रायपुर में विकास का अंतर 10 गुना हो गया है और इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण कारण बिलासपुर को हवाई सुविधा से वंचित रखना है। छत्तीसगढ में खनिज से मिलने वाले राजस्व के लिए तो सरकारे तत्पर रहती है, परन्तु विकास हेतु आवागमन की सुविधा की ओर कोई ध्यान नही है। समिति की ओर से महेश दुबे-टाटा ने लम्बे समय से चल रहे आंदोलन के बावजूद मांग की पूर्ति पर कोई सुगबुगाहट न होते देख बडे ही आक्रोशित होकर कहा कि जनता यहां 100 दिवस से ज्यादा दिनों से धरने पर बेैठ रही है और जनता द्वारा निर्वाचितों को जनता की आधारभूत आवश्यकता पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने से ही समय नही है, लेकिन अब जनता के कडा रूख अख्तियार कर लिया है और अपनी हवाई सेवा मांग के समर्थन हेतु लामबंद हो चुकी है। अब कैसी भी विशम परिस्थिति बिलासपुर और हवाई सुविधा के मध्य नही आ सकती। आज बौद्ध समाज की ओर से धरने में हरीष वाहने, नारायण राव हुमने, मगन मेश्राम, शिव शंकर हुमने, नरेश यादव, रूपेश कुमार चेतानी, विजय वर्मा, सुनील बेहरानी, राज कुमार जेठानी, विनोद लाल चन्दानी, कन्हैया मोटवानी, आनन्द लालवानी, राकेश चौधरी, मनोहर आहूजा, पुरशोत्तम हीरारमानी, गोवर्धन दास मोटवानी, मोहनलाल चंदवानी, प्रेमचंद मंगवानी, गुरूबक्स जसवानी, अनिल कुमार परसवानी, हीरालाल सिदारा, कमलेश बाधवानी, मुकेश कुमार मंगवानी शामिल हुये। आज की सभा का संचालन बद्री यादव ने व समिति की ओर राकेष तिवारी ने आभार व्यक्त किया। धरना आंदोलन में आगमन के क्रम से रामशरण यादव, देवेन्द्र सिंह बाटू, अशोक भण्डारी, कप्तान खान, मनोज श्रीवास, लल्लू रजक, शेख अल्फाज-फाजू, राकेश शर्मा, साबर अली, अभिशेख चौबे, पवन पाण्डेय, केशव गोरख, समीर अहमद-बबला, साहबाज अली आदि शामिल थे। कल आंदोलन के 110वें दिन आईटी सेल कांग्रेस कमेटी बिलासपुर के सदस्य धरने पर बैठेगे।