20 सितंबर को भारत को मिलेगा पहला फाइटर जेट राफेल, दोगुनी हो जाएगी वायुसेना की ताकत

नई दिल्ली. भारत को फ्रांस से अपना पहला राफेल लड़ाकू विमान 20 सितंबर को मिलने जा रहा है. इससे भारत की वायुसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी. जब रफाल आसमान को चीरकर गुजरेगा तो दुश्मनों के दिल दहल जाएंगे. राफेल परमाणु हमला करने में सक्षम है. पाकिस्तान का F-16 जेट राफेल के सामने पुराना है. साथ ही यह बेहद छोटे रनवे से उड़ान भरने में सक्षम है. राफेल दुनिया का सबसे आधुनिक एयरक्राफ्ट है.राफेल आधुनिक और उन्नत तकनीकी से लैस है. 

जानकारी के अनुसार, 20 सितंबर को राजनाथ सिंह और बीएस धनोआ की मौजूदगी में राफेल जेट विमान भारतीय वायुसेना को सौंपा दिया जाएगा. भारतीय वायुसेना के मुताबिक, फ्रांस के अधिकारी वहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना चीफ बीएस धनोआ और कई रक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में राफेल विमान को भारत को देंगे. दरअसल, सितंबर 2016 में भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमान खरीदने को लेकर डील हुई थी. इन विमानों की कीमत 7.87 बिलियन यूरो तय की गई थी.

उल्‍लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना राफेल जेट विमान को उड़ाने के लिए 24 पायलटों इसके लिए ट्रेनिंग देगा. इसके बाद राफेल विमान पहली बार देश की सुरक्षा के लिए उड़ाने को तैयार होंगे. सभी पायलट तीन बैचों में ट्रेनिंग लेंगे. बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना राफेल विमान की एक-एक टुकड़ी को हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में अपने एयरबेस पर बनाने जा रही है.

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