नाबालिग को भगा ले जाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर .  नाबालिग को भगा ले जाकर दुष्कृत्य ़करने वाले आरोपी दीपक उर्फ दीपचंद को द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश, देवरी, जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-366(क) के तहत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-376(3) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड, एवं धारा-5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है अन्य तीन आरोपियो को दोषमुक्त किया गया। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/बालिका के पिता ने दिनांक 01.07.2021 को थाना-देवरी मंे रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी पुत्री /पीड़िता दिनांक 14.06.21 को रात्रि लगभग 8.00 बजे बाहर खेलने के लिये गई थी  और घर वापिस न लौटने पर बालिका को आस-पास व रिश्तेदारी में तलाश करने पर उसका कोई पता नही चला । बालिका को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर कही ले जाने की आषंका व्यक्त की गई। दिनॉक- 14.09.21 को पीड़िता को मुंबई से दस्तयाव किया गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-देवरी द्वारा धारा-363, 366-क, 376 (दो) (एन), 376 (दो) (आई), 506 भाग दो भारतीय दंड संहिता एवं धारा 5 (एल)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश, देवरी, जिला-सागर की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

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