नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वालेे आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर. न्यायालय दीपाली शर्मा विषेष न्यायाधीष (लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012), सागर, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी छोटू उर्फ कृष्ण अवतार पिता ठाकुर प्रसाद रैकवार उम्र 24 साल, निवासी वार्ड क्रं. 05 रामनगरी रहली जिला सागर को धारा 376(अ),(बी) भादवि मे 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 3(1) (प) एस.सी.एस.टी अधिनियम 1989 में 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 3(2)(अ) एस.सी.एस.टी अधिनियम 1989 में 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से उप-संचालक(अभियोजन) अनिल कुमार कटारे एवं सहा. जिला अभियोजन अधिकारी/विषेष लोक अभियोजक रिपा जैन ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता की मां ने दिनांक 11.12.2018 काो थाना रहली में इस आशय की रिपेार्ट लेख करायी कि वह घर पर खाना बना रही थी उसकी पुत्री घर के पास ही शौच के लिये गयी थी। कुछ देर बाद मोहल्ले वालो ने हल्ला मचाया कि उसकी पुत्री को कोई उठा कर ले गया है। तब वह, उसके पति एवं मोहल्ले के लोग पीडिता को ढूढने के लिये गये पीडिता के मिलने पर उससे पूछा गया। तो पीड़िता ने बताया कि वह शौच करने गयी थी। तभी अभियुक्त छोटू रैकवार आया और उसे घसीटकर अपने साथ ले गया और जमीन पर पटक दिया और उसके साथ गलत काम किया। पीड़िता की उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी छोटू उर्फ कृष्ण अवतार रैकवार को धारा 376(अ),(बी) भादवि मे 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 3(1) (प) एस.सी.एस.टी अधिनियम 1989 में 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 3(2)(अ) एस.सी.एस.टी अधिनियम 1989 में 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।