नाबालिग के साथ बलात्संग करने वाले आरोपी को 20 साल का कठोर कारावास
सागर. न्यायालय डी.पी. सिंह सिवाच अपर सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी दिनेष पिता मोहन गौंड़ उम्र 20 वर्ष सभी निवासी ग्राम कंजेरा थाना- देवरी, जिला सागर को लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 मे 20 वर्ष का कठोर कारावास तथा 5000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 363 भादसं. में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए का अर्थदण्ड एवं 366-क भादसं. में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 343 भादवि में 06 माह का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने शासन का पक्ष रखा। घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना देवरी में दिनांक 18.03.2019 को अभियोक्त्री की मां द्वारा अभियोक्त्री के गुम होने के संबंध में रिपोर्ट लेख करायी गयी थी जिसकी जांच के दौरान दिनांक 01.04.2019 को अभियोक्त्री को राहतगढ़ बस स्टैण्ड पर दस्तयाब कर दस्तयाबी पंचनामा तैयार किया गया जिसके पश्चात् अभियोक्त्री के कथन लिए जाकर जांच के दौरान यह ज्ञात हुआ कि आरोपी दिनेष गौंड अभियोक्त्री को जब उसके परिवार वाले घर पर नहीं थे यह कहकर कि वह कम से बाहर जा रहा है घर पर उसकी पत्नि अकेली है उसके पास रहना तथा बाद में अभियोक्त्री को शादी का प्रलोभन देकर कपड़े एवं गहने दिलाने का कहकर जबरदस्ती भगाकर भोपाल ले गया। जहां पर एक कमरे में बंद कर रखा और लगातार अभियोक्त्री के साथ बलात्संग कारित किया। जिसके पश्चात् पैसे खत्म होने पर अभियोक्त्री को बस में बैठाकर भेज दिया जहां राहतगढ़ बस स्टैण्ड से अभियोक्त्री को पकड़ा गया। उक्त प्रकरण को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी दिनेष को लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 मे 20 वर्ष का कठोर कारावास तथा 5000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 363 भादसं. में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए का अर्थदण्ड एवं 366-क भादसं. में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 343 भादवि में 06 माह का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।