February 9, 2022
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास
सागर. न्यायालय श्रीमती नीतूकांता वर्मा विशेष न्यायाधीश (पाॅक्सो एक्ट)/नवम् अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने अभियुक्त प्रीतम उर्फ झगरू कुर्मी पिता बलराम पटेल उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम रूपउ थाना नरयावली जिला सागर को भादवि की धारा 376एबी के अंतर्गत 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000/- रूपये के अर्थदण्ड से तथा अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 02 वर्ष का पृथक से सश्रम कारावास, धारा 363 व 366ए भादवि में 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000-2,000/- रूपए के अर्थदण्ड से तथा अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 06-06 माह का पृथक से सश्रम कारावास से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजीव रूसिया ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया द्वारा थाना नरयावली में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई गई कि दिनांक 08.10.2019 को रात लगभग 07ः30 बजे वह गांव में पानी भरने के लिए गई थी, जब वापस लौटकर आई तो देखा कि उसकी नातिन अभियोक्त्री घर पर नहीं थी, उसने अभियोक्त्री की सभी जगह तलाश की परंतु वह नहीं मिली। तब एक व्यक्ति ने उसे बताया कि झगड़ु उर्फ प्रीतम कुर्मी अभियोक्त्री को मंडिया के बाहर खिला रहा है तब वह अभियोक्त्री को तलाश करने मंडिया के पास गई तो वहां पर अभियोक्त्री नहीं दिखी। फिर उसने अभियोक्त्री को आवाज लगाई तो अभियोक्त्री के रोने की आवाज आई और उतने में दीवाल कूदकर प्रीतम उर्फ झगडू़ वहां से भाग गया। अभियोक्त्री उसके पास रोते हुए आई और फिर उसने अभियोक्त्री से पूछा कि क्या हुआ तो अभियोक्त्री ने बताया कि झगडू उसे एक जगह ले गया था और वहां मंडिया में अंदर उसका मुंह दबाया और उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी आवाज सुनकर भाग गया। फरियादी ने सारी बातें अपने लड़कों को बताई। उक्त घटना के संबंध में फरियादी की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विस्द्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अभियुक्त प्रीतम उर्फ झगरू कुर्मी को भादवि की धारा 376एबी के अंतर्गत 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000/- रूपये के अर्थदण्ड से तथा अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 02 वर्ष का पृथक से सश्रम कारावास, धारा 363 व 366ए भादवि में 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000-2,000/- रूपए के अर्थदण्ड से तथा अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 06-06 माह का पृथक से सश्रम कारावास से दण्डित करने का आदेश दिया गया।