200 करोड़ के टैक्स चोरी के मामले में उच्च न्यायालय ने जारी की नोटिस

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डी०के० सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा अमेरा खदान में ओवरलोड क्षमता से अधिक कोयले की ढुलाई करने तथा मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 194(1) का खुले रुप से उल्लंघन किया जा रहा था तथा करोड़ों कि परिवहन टैक्स चोरी किया जा रहा है जिसके संबंध में कलेक्टर सरगुजा को शिकायत किया गया था जिसमें दिनांक 27/1/2018 को जांच करते हुए बालेश्वर राम तत्कालीन अनुविभागीय दंडाधिकारी उदयपुर के द्वारा शिकायत को प्रमाणित पाया गया तथा उक्त प्रतिवेदन कलेक्टर सरगुजा को प्रेषित किया गया लेकिन उसके उपरांत भी कोई कार्यवाही नहीं होने तथा लगभग 200 करोड़ की मोटर व्हीकल टैक्स की चोरी के संबंध में भी कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण डी०के० सोनी के द्वारा उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर के समक्ष अधिवक्ता गोविंद देवांगन के माध्यम से डब्ल्यूपीसी नंबर 3013/2020 दिनेश कुमार सोनी छत्तीसगढ़ शासन प्रस्तुत किया गया जिसमें दिनांक 11/12/2020 को सुनवाई करते हुए माननीय न्यायाधीश श्री गौतम भादुरी के द्वारा अनावेदक क्रमांक 8 एसईसीएल चेयरमैन बिलासपुर, अनावेदक क्रमांक 9 जनरल मैनेजर एसईसीएल बिलासपुर एवं अनावेदक क्रमांक 12 मैसर्स गोयल ट्रांसपोर्ट विश्रामपुर जिला सूरजपुर को नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है । तथा 4 सप्ताह के अंदर जवाब प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है।

उक्त मामला अमेरा खदान जो कि लखनपुर थाना के क्षेत्र के अंतर्गत आता है में खदान से साइड तक कोयले की ढुलाई हेतु एसईसीएल द्वारा मैसर्स गोयल ट्रांसपोर्ट विश्रामपुर से दिनांक 16/4/16  को अनुबंध किया गया जिसके तहत टिपर गाड़ियां लगाकर खदान से साइड तक कोयले की ढुलाई  करनी है, तथा उक्त अनुबंध लगभग 29 करोड़ से अधिक राशि का किया गया। उक्त अनुबंध लगभग 3 वर्ष के लिए किया गया है।
राजकुमार गोयल वाहन स्वामी के द्वारा एसईसीएल अमेरा के प्रबंधक से मिलीभगत कर शासन को लाखों रुपए की चपत लगाकर लगाया जा रहा था जहां कोयले की ढुलाई के लिए 20 गाड़ी की आवश्यकता थी वहां पर 9 टीपर ही लगाकर ढुलाई का कार्य किया जा रहा था एक टीपर से दो  टीपर के समान वजन की ढुलाई कराई जा रही थी तथा ओवरलोड गाड़ियों के माध्यम से कोयले की ढुलाई वाहन स्वामी एवं खान प्रबंधक द्वारा किया जा रहा था उक्त तथ्यों को प्रमाणित करने हेतु अमेरा खदान का प्रोडक्शन एंट्री रजिस्टर में स्पष्ट रूप से गाड़ियों का नंबर, टाइम एवं वजन का उल्लेख किया गया है।
वाहन स्वामी राज कुमार गोयल के द्वारा एसीसीएल प्रबंधक से मिलीभगत कर लाखों नहीं करोड़ों रुपए की बचत प्रतिमाह किया जा रहा था अगर उसे क्षमता से अधिक परिवहन करना है तो उसे 10 अतिरिक्त गाड़ियां और लगानी पड़ती लेकिन वह 9 गाड़ी में ही काम चला रहा था इस प्रकार 10 गाड़ियों का खर्चा बचाया जा रहा था जिसमें नवीन गाड़ी की कीमत, ड्राइवर का खर्चा, डीजल का खर्चा तथा टैक्स आदि का खर्च वाहन स्वामी का बचाया गया है जो कि एक बहुत ही बड़ी चोरी है। इससे गाड़ी मालिक को काफी फायदा हो रहा था साथ ही साथ खान प्रबंधक को मोटी राशि कमीशन के रूप में मिल रहा था इसलिए खान प्रबंधक के मौखिक निर्देश पर उक्त अवैध परिवहन कराया जा रहा है जिसके विरुद्ध जांच हुई और शिकायत प्रमाणित हुआ। लेकिन शिकायत प्रमाणित होने के बाद भी कोई कार्यवाही वाहन स्वामी एवं एसईसीएल प्रबंधक के विरुद्ध नहीं होने के कारण उक्त मामले को उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।

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