WhatsApp पर 3 रेड टिक, कॉल और मैसेज की होगी रिकार्डिंग, Fake News है ये दावा
नई दिल्ली. इन दिनों फेसबुक (Facebook), व्हाट्सएप (WhatsApp), ट्विटर (Twitter) और इंस्टाग्राम के नए नियमों को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. इनमें से अधिकतर दावे फेक न्यूज़ यानी फर्जी है. हालांकि ऐसा पहले भी हो चुका है लेकिन हाल ही में हुए दावों में कहा जा रहा है कि देश में नए आईटी नियम लागू होने के बाद अब आपकी हर समय निगरानी होती रहेगी.
‘हर पल-हर घड़ी निगरानी’
ऐसे दावों में ये भी कहा जा रहा है कि अब आपके सभी व्हाट्सएप कॉल भी रिकॉर्ड होंगे. ऐसे दावों में WhatsApp पर एक नया टिक सिस्टम लागू होने का जिक्र है. जिसमें दो ब्लू टिक और एक रेड टिक का मतलब होगा कि सरकार कार्रवाई कर सकती है, वहीं तीन रेड टिक का मतलब होगा कि सरकार ने आपके खिलाफ अदालती कार्रवाई शुरू कर दी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, ये सभी दावे फर्जी है. नए आईटी नियमों में ऐसा कुछ नहीं है.
‘तीन रेड टिक पुराना फेक आइडिया’
तीन रेड टिक का कुछ ऐसा ही मैसेज बीते साल भी सोशल मीडिया के गलियारों में जमकर घूमा था. हांलाकि इस झूठे दावे को तब भी खारिज किया गया था और इस बार भी ऐसा ही हुआ है. फेक मैसेज के तहत वायरल हो रहे फॉवर्डिड मैसेज में बताया जा रहा है कि नए नियम लागू होते ही सख्ती शुरू की जाएगी. यहां तक कहा जा रहा है कि अगर कोई यूजर्स सरकार के खिलाफ या धार्मिक मुद्दे पर नकारात्मक संदेश शेयर करेगा, तो उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा. तो आपको बता दें कि ये दावा भी फर्जी है.
ऐसी हैं नई आईटी गाइडलाइंस
नए नियमों को 26 मई से अमल में आना था, इसका ऐलान 25 फरवरी को हो चुका था. लेकिन सोशल मीडिया कंपनियों ने इसे लागू नहीं किया. नए प्रावधान के तहत सभी सोशल मीडिया कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर कार्रवाई करनी होगी. इसके तहत कंपनियों को तीन अधिकारियों (चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर) को नियुक्त करना है.
ये सभी अफसर भारत के ही रहने वाले होने चाहिए. इनका संपर्क सूत्र यानी फोन नंबर सोशल मीडिया वेबसाइन और ऐप पर होना अनिवार्य होगा. इतना ही नहीं, इन अफसरों को शिकायत का अपडेट देने के लिए 15 दिनों की समय सीमा भी तय की गई है. वहीं इस पूरे सिस्टम पर नजर रखने के लिए स्टाफ रखने को कहा गया है.
सरकार और कंपनियों के बीच इसी नियम को लेकर विवाद है. व्हाट्सएप का कहना है कि यह नियम एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर करेगा.
सरकार का दावा
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, भारत सरकार की ओर से प्रस्तावित गाइडलाइंस से Whatsapp के सामान्य कामकाज पर फर्क नहीं पड़ेगा. इससे आम यूजर्स पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. नए नियम के तहत व्हॉट्सएप को किन्हीं चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना, निजता का उल्लंघन हरगिज नहीं है. नए नियमों को लेकर सरकार की तरफ से कहा गया कि ऐसी जानकारी की जरूरत केवल तभी होती है जब किसी मैसेज में यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर अपराधों की रोकथाम या सजा के लिए जांच के लिए ऐसा जरूरी हो ऐसे में इन नियमों में कोई दिक्कत नहीं है.
Whatsapp का रुख
Whatsapp, केंद्र की ओर से तैयार नए डिजिटल नियमों के खिलाफ है. Whatsapp का कहना है कि नए नियमों के कारण पूछने पर बताना पड़ेगा कि सबसे पहले किसने मैसेज भेजा. इससे यूजर्स की प्राइवेसी प्रभावित होगी. Whatsapp के मुताबिक, यूजर्स का चैट ट्रेस करना मतलब हर मैसेज का फिंगरप्रिंट पास रखना. इससे प्राइवेसी जैसे फंडामेंटल राइट का उल्लंघन होगा.
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