लोक सेवक के पद का दुरूपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले आरोपी को 3 साल की सजा
भोपाल. न्यायालय (6वें अपर सत्र न्यायाधीश) श्री राजीव के पाल, के द्वारा आरोपी डी के कपूर एवं सरोज कपूर को धारा 13(2) आर,डब्ल्यू, 13(1)ई भ्रष्टाचार
निवारण अधिनियम में दोष सिद्ध पाते हुये आरोपी डी के कपूर एवं सरोज कपूर को धारा 13(2) आर,डब्ल्यू, भ्रष्टाचार निवारण
अधिनियम में 3 वर्ष का सश्रम कारावास धारा 13(1)ई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 302 भादवि में आजीवन कारावास व 1000रूपये व धारा 363 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000रूपये का अर्थदंड का निर्णय पारित किया है । उक्त प्रकरण में शासन द्वारा की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती हेमलता कुशवाहा द्वारा पैरवी की गई है ।
मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल भोपाल के तत्कालीन अपर आयुक्त अभियुक्त डी. के. कपूर के सम्बन्ध में गोपनीय सूचनायें, उनके द्वारा शासकीय पद पर रहते हुए अवैधानिक तरीकों से अटूट सम्मत्ति अर्जित की गई है।
कपूर के द्वारा उनकी वैधानिक आय के स्त्रोतो से कहीं अधिक सम्पत्ति अवैधानिक रूप से अर्जित करने की सूचना पर प्राथमिक जाॅच क्रमांक-0/2000, पंजीबद्ध होकर जांच कराई गई। जांच कर पाया गया कि डी.के.कपूर वर्ष-1972 में दिनांक
21.12.72 से उपयंत्री (सिविल) के पद पर म.प्र. गृह निर्माण मण्डल, में भोपाल संभाग क्रमांक-1, में पदस्थ हुए तथा 17.04.75 से 30.6.75 तक कनिष्ठ यंत्री, एवं दिनांक 1.7.75 से 17.4.82 तक सहायक यंत्री के पद पर भोपाल तथा देवास उपसंभाग में पदस्थ रहे। कपूर दि. 18.4.82 से कार्यपालन यंत्री के पद पर 21.5.90 तक कार्यरत रहे, इसमें 17.3.89 से 15.4.89 तक उपायुक्त के प्रभार पर एवं 28.5.90 से 18.6.96 तक उपायुक्त रायपुर एवं भोपाल में पदस्थ रहे। इन्दौर वृत्त में जुलाई-1994 में अतिरिक्त प्रभार उपायुक्त के पद पर रहे। दिनांक 19.6.96 से 12.4.98 तक उपायुक्त वृत्त-भोपाल में कार्यरत रहे। दिनांक 13.4.68 से नियमित अपर आयुक्त के पद पर भोपाल प्रक्षेत्र में पदस्थ रहे। डी. के. कपूर वर्ष-1972 में उपयंत्री के पद पर रूपये- 170/- मासिक वेतनमान पर शासकीय सेवा में आये। अप्रैल-1998 में अपर आयुक्त, म.प्र. गृहनिर्माण मंडल भोपाल के पद पर
रहते हुए पद का दुरूपयोग कर स्वयं के नाम एवं अपनी पत्नी सह-आरोपी श्रीमती सरोजकपूर के नाम कृष्णा होम्स बिल्डर्स एवं डेव्हलप का पंजीयन कराकर व्यावसायिक गतिविधियों से अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित की है। इस पर अपराध क्र.-28/2000, पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। विवचेना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायलय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन ने अपना मामला प्रमाणित होने पर आरोपीगण डीके कपूर एवं सरोज कपूर को धारा 13(2) आर, डब्ल्यू, 13(1)ई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 3 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई ।