नाबालिग के‌ साथ छेड़छाड़ करने वालेे आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास

सागर. न्यायालय  दीपाली शर्मा विषेष न्यायाधीष (लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012), सागर, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी बिजेंद्र  पिता कालूराम पटेल उम्र 29 साल, निवासी ग्राम चितौरा, थाना सुरखी  जिला सागर को धारा 8 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 03 साल का सश्रम कारावास एवं 8000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 3(1)(W)(I) अनुसूचित जाति/जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 02 साल के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 3(2)(v-क)अनुसूचित जाति/जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 01 साल के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड  से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से सहा. जिला अभियोजन अधिकारी/विषेष अभियोजक रिपा जैन ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता के पिता ने थाना सुरखी  में इस आषय की रिपोर्ट लेख करायी कि घटना दिनांक 17-07-2016 को शाम 6 बजे नदी पानी भरने जा रही थी तभी अभियुक्त ने बुरी नियत से हाथ पकड़ लिया, अभियोक्ती ने अपनी मां को आवाज लगाई तो अभियुक्त धमकी देने लगा की वह शादी करेगा। जब मां आई तो अभियुक्त धमकी देने लगा कि यदि पुलिस को बताया तो जान से खत्म कर दूंगा।  उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी बिजेंद्र को धारा 8 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 03 साल का सश्रम कारावास एवं 8000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 3(1)(W)(I) अनुसूचित जाति/जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 02 साल के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 3(2)(v-क)अनुसूचित जाति/जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 01 साल के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड  से दण्डित करने का आदेश दिया गया।

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