प्रदेश में 4.9 प्रतिशत महिलाओं का शराब सेवन करना चिंतनीय
भाजपा सरकार शराब को बढ़ावा देने का असर प्रदेश में महिलाओं का शराब सेवन करना राष्ट्रीय औसत से चार गुना ज्यादा
रायपुर. नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट में छतीसगढ़ में शराब सेवन करने वाली महिलाये की संख्या 4.9 प्रतिशत से अधिक आने पर चिंता जाहिर करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार का मकसद ज्यादा से ज्यादा शराब बेचना और मुनाफा कमाना है उसके अब परिणाम सामने आने लग गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट में प्रदेश में 4.9 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की शराब सेवन किए जाने का रिपोर्ट बेहद चिंताजनक है। ये राष्ट्रीय औसत 1 प्रतिशत से 4 गुना ज्यादा है। सरकार की ज्यादा शराब बेचने की पॉलिसी से आने वाले दिनों में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या में दोगुनी वृद्धि होगी इस बात से इनकार नही किया जा सकता। जहां एक ओर महिलाये शराबबंदी की मांग कर रही सरकारी शराब दुकानों को बंद कराने आंदोलन कर रही है वहीं सरकार 67 से अधिक शराब दुकान खोलकर ज्यादा से ज्यादा शराब बेचकर राजस्व कमाने में लगी हुई है।शराब को सुलभ तरीके से उपलब्ध कराने के लिए नए-नए प्रयोग कर रही है मनपसंद ऐप, होटल, ढाबा में शराब पीने की अनुमति, चौक चौराहा पर बियर बेचने की अनुमति, क्लबो में महिलाओ को मुफ्त शराब का ऑफर और अवैध शराब के कारण शराब खोरी बढ़ी है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति शराब की सालाना खपत 2011-12 में 8 लीटर था 2024- 25 में बढ़कर 16 लीटर से ऊपर होने का अनुमान है 2011-12 में प्रति व्यक्ति शराब पर खर्च 1227 रुपए था वह बढ़कर अब 3700 रु से अधिक हो गया। प्रदेश में कुल 55 प्रतिशत से अधिक पुरुष और 4.9 प्रतिशत से अधिक महिलाएं शराब का सेवन कर रही। देश मे महिलाओं के शराब सेवन के मामले में छत्तीसगढ़ टॉप 10 में राज्यों में शामिल है यह बेहद गंभीर चिंता का विषय है सरकार को शराब प्रेम छोड़कर प्रदेश की हित में शराब बंदी की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, अवैध शराब पर कड़ाई से रोक लगे और शराब बेचने के लिए प्रोत्साहन बंद करना चाहिए।