42 साल बाद भी इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं सुनील गावस्कर, पढ़े पूरी ख़बर


नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट ही नहीं वैश्विक क्रिकेट के दिग्गजों की भी जब-जब बात होगी तो पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar)का नाम शीर्ष के खिलाड़ियों में शामिल किया जाएगा. टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर सुनील ने ही पहली बार महान डॉन ब्रैडमैन की तरफ से दिया गया 29 शतकों का शिखर भी पार किया था. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से ही सुनील दुनिया के दिग्गज मीडिया हाउसों के पसंदीदा कमेंटेटर के तौर पर काम करते रहे हैं और उनकी कही बात को शायद ही कोई क्रिकेट प्रशासक या खिलाड़ी रहा होगा, जिसने तवज्जों नही दी होगी. ऐसे महान क्रिकेटर को भी अपने एक सवाल का जवाब पिछले 42 साल से नहीं मिला है. यह सवाल है कि आखिर उन्हें 1978-79 में अजेय समझी जाने वाली वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने के बावजूद कप्तानी से क्यों हटा दिया गया था?

सीरीज में कप्तानी ही नहीं बल्ले से भी सफल थे सुनील
क्लाइव लॉयड (Clive Lloyd) की कप्तानी में वेस्टइंडीज की टीम उस समय वर्ल्ड चैंपियन थी और उसे बेहद खौफनाक माना जाता था. इसके बावजूद टीम इंडिया ने अपने घर में खेली गई उस सीरीज में कैरेबियाई  तूफान को रोकते हुए छह मैच की सीरीज में 1-0 से जीत हासिल की थी. सुनील गावस्कर ने आगे बढ़कर टीम की अगुआई करते हुए 700 से ज्यादा रन बनाए थे. इस तरह से सुनील कप्तानी में ही नहीं बल्ले से भी सफल थे. इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने मनमानी करते हुए सीरीज के बाद गावस्कर की जगह दिग्गज ऑफ स्पिनर एस. वेंकटराघवन (S Venkatraghvan) को टीम का कप्तान बना दिया था.

पैकर सीरीज को न बोलने के बावजूद मिला ऐसा इनाम
सुनील गावस्कर ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे कॉलम में ये सवाल उठाया है. सुनील ने कॉलम में लिखा, ‘वेस्टइंडीज के खिलाफ 1-0 से सीरीज जीतने के बाद भी मुझे कप्तानी से हटा दिया गया था, जबकि इस सीरीज में मैंने 700 से ज्यादा रन बनाए थे. मुझे अभी तक इसका कारण नहीं पता. शायद मैं उस समय कैरी पैकर वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट से जुड़ने को तैयार था, इसलिए हटा दिया गया हो. लेकिन चयन से पहले मैंने अपनी वफादारी दिखाते हुए बीसीसीआई ( BCCI) के साथ कांट्रेक्ट कर लिया था.’

बेदी के चयन पर अड़ने का तो नहीं था नतीजा
कुछ विशेषज्ञ ये मानते हैं कि इस सीरीज के लिए गावस्कर का दिग्गज खब्बू स्पिनर बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) को टीम में बनाए रखने के लिए अड़ने का खामियाजा कप्तानी खोकर भुगतना पड़ा था. गावस्कर ने भी अपने कॉलम में बेदी से जुड़े घटनाक्रम का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा, ‘चयन समिति ने बेदी को 3 मैच के बाद हटाने का फैसला किया था. चयन समिति तो बेदी को उसी समय हटाना चाहती थी, जब पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के बाद उनकी जगह मुझे कप्तान बनाया गया था. लेकिन मैंने चयनकर्ताओं से कहा था कि वे अभी भी देश में बाएं हाथ के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं और इसलिए बेदी को पहले टेस्ट मैच में चयनकर्ताओं ने मौका दिया था.’

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