5 अगस्त को भूमिपूजन के दिन Lockdown पर भड़की BJP, कहा- ‘सरकार वापस ले फैसला’
कोलकाता. पश्चिम बंगाल भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने पांच अगस्त को लॉकडाउन के लिए चुना है क्योंकि उसी दिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन होना निर्धारित है. पार्टी ने मांग की कि तृणमूल कांग्रेस मंत्रिमंडल लॉकडाउन की इस तिथि को बदल दे जैसा उसने ईद त्योहार के लिए किया था.
बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यह निर्णय (लॉकडाउन के लिए पांच अगस्त का चयन) सत्ताधारी पार्टी की पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश में तब्दील करने की रणनीति दिखाता है.
उन्होंने तिथि में बदलाव की मांग की जिस तरह से एक अगस्त को ईद त्योहार को ध्यान में रखते हुए किया गया था ताकि राज्य के लोग देशवासियों के साथ राम मंदिर भूमि पूजन का जश्न मना सकें.
घोष ने कहा, ‘हमें ईद के चलते लॉकडाउन की तिथि बदलने के राज्य सरकार के निर्णय से कोई समस्या नहीं हुई. इसी तरह से राम मंदिर निर्माण को लेकर हिंदुओं की भावना को नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए.’
राज्य सरकार ने पहले कोविड-19 संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए पूर्ण बंदी के लिए महीने में अन्य तारीखों के साथ दो अगस्त का भी चयन किया था, लेकिन इसे (रविवार को) बाद में त्योहार को ध्यान में रखते हुए इस सूची से बाहर कर दिया गया था.
अब पांच अगस्त, आठ, 16, 17, 23, 24 और 31 तारीखें हैं जब पश्चिम बंगाल में वायरस के तेजी से प्रसार पर रोक पूर्ण लॉकडाउन रहेगा.
भाजपा नेता ने कहा, ‘पांच अगस्त को लॉकडाउन के चलते उन लोगों के लिए उपयुक्त माहौल नहीं मिल पाएगा जो अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के ऐतिहासिक दिन को मनाना चाहते हैं। तृणमूल कांग्रेस सरकार की यह मानसिकता पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश में बदलने की उसकी रणनीति को प्रतिबिंबित करती है.’
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने भाजपा के कथनों को ‘आधारहीन’ करार दिया और उससे कोविड-19 महामारी के बीच सांप्रदायिक राजनीति से दूर रहने का आग्रह किया.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री फिरहद हकीम ने कहा, ‘सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि कोविड-19 महामारी ने बंगाल और पूरे देश को प्रभावित किया है. यह सांप्रदायिक राजनीति को आगे बढ़ाने का समय नहीं है। बंगाल में, हमने सभी धर्मों और संस्कृतियों के बीच दशकों से सद्भाव और भाईचारे को देखा है, हमें इसे खराब नहीं करना चाहिए.’