61 वर्षीय डॉक्टर को 3 बार हुआ Corona, वैक्सीनेशन के बाद भी एल्फा-डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले एक 61 वर्षीय एक डॉक्टर के 3 बार कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. अपनी तरह का यह पहला मामला है, जब कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी डॉक्टर दो बार कोरोना की चपेट में आ गए.
3 बार हुए कोरोना से संक्रमित
हार्ट केयर फाउंडेशन ने कोरोना मरीज पर एक स्टडी के बाद दावा किया है कि डॉक्टर को वैक्सीन लगवाने के बाद पहले कोरोना के अल्फा वेरिएंट (Alpha Variant) ने शिकार बनाया और फिर डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) ने जकड़ लिया. दूसरी बार तकलीफ बढ़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ा. उन्हें हाइपॉक्सिया यानी सांस फूलने की शिकायत हो रही थी. हालांकि 7 सप्ताह के बाद वे पूरी तरह से ठीक हो गए. जबकि वैक्सीन लगने से पहले भी अगस्त 2020 में उक्त डॉक्टर को एक बार कोरोना हो चुका था. यानी कुल मिलाकर इन्हें तीन बार इन्फेक्शन हो चुका है.
वैक्सीनेशन के बाद भी ये जरूरी
हार्ट केयर फाउंडेशन की शुरुआती जांच के मुताबिक, ‘डॉक्टर को जब तीसरी बार कोरोना का इंफेक्शन हुआ तो वे डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित थे. कोरोना की पुष्टि करने वाले RT-PCR टेस्ट में सीटी वैल्यू इतनी कम थी कि इससे संक्रमण के बहुत ज्यादा होने के संकेत मिल रहे थे. इसलिए वैक्सीन के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल बिहेवियर यानी मास्क लगाए रखना, सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोने की आदत का सख्ती से पालन किया गया.’
रि-इन्फेक्शन का खतरा 4.5%
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक, कोरोना का रि-इन्फेक्शन होने का खतरा 4.5 प्रतिशत है. अगर 102 दिन के अंतराल पर किसी को इंफेक्शन होता है तो उसे नया इंफेक्शन माना जाता है. वहीं, वैक्सीन लगने के बाद भी अगर किसी को इंफेक्शन हो जाए तो उसे ब्रेक थ्रू इन्फेक्शन (Break Through Infection) कहा जाता है. यानी वैक्सीन के बैरियर को तोड़कर वायरस ने आपको अपना शिकार बना लिया. हालांकि डॉक्टर का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है.