भारत का विचार वैश्विक है : प्रो. संजय द्विवेदी
वर्धा. ‘भारत का विचार वैश्विक है क्योंकि भारत सभी विश्व की कल्याण की कामना करता है। भारत दुनिया में केवल राजनीतिक ही हस्तक्षेप नहीं करता बल्कि सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संचार भी स्थापित कर रहा हैं। उक्त विचार भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने व्यक्त किए । भारतीय डायस्पोरा का वैश्विक परिप्रेक्ष्य : जीवन एवं संस्कृति विषय पर त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतर्गत आयोजित जनसंचार पर आधारित तृतीय अकादमिक सत्र के अध्यक्ष के रूप में वे बोल रहे थे। सत्र में वक्ता के रूप में राजनीतिक विश्लेषक श्री हर्षवर्धन त्रिपाठी प्रत्यक्ष रूप से तथा रिलायन्स इंडस्ट्रीज मुंबई के अध्यक्ष एवं मीडिया निदेशक श्री उमेश उपाध्याय आभासी माध्यम से उपस्थित थे। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि भारतीय भाषाओं में जो संचार हो रहा है, वह वैश्विक संचार है, भाषाओं से ही हमारा वैश्विक जुड़ाव हो रहा है। जिससे सभी दिशाओं से कल्याणकारी विचार आ रहे हैं। भारतीय डायस्पोरा में महात्मा गांधी के साथ स्वामी विवेकानंद, आचार्य रजनीश आदि संचारकों ने दुनिया में अपने पदचिन्ह स्थापित किए, इसलिए दुनिया में आध्यात्मिक संचार स्थापित और विस्तारित हुआ है।
हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा कि प्रवासी भारतियों ने दुनिया में भारत की छवीं बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण विश्व में संचार की प्रकृति बदल गई है। पहले एक तरफा संचार होता था, आज हमें तुरंत प्रतिक्रिया मिलती है, जिसमें प्रवासी भारतियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने मीडिया और समाज के लोकतांत्रिकरण की आवश्यकता पर बल दिया। उमेश उपाध्याय ने कहा कि फेक न्यूज कोई वर्तमान की नहीं बल्कि पश्चिमी मीडिया की देन है, वह इसका पूल है। पश्चिमी मीडिया ने महात्मा गांधी के बारे में भी नैरेटिव सेट करने का काम किया था। गांधी, पटेल के साथ भारत के कई नेताओं को इसका सामना करना पड़ा। भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर दिखाने के लिए ही पश्चिम मीडिया नैरटिव स्थापित करता है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने ‘इंडियन ओपिनियन का सत्याग्रह’,शोधार्थी गौरव चौहान ने ‘गिरमिटिया देश फि़जी का हिंदी अखबार शांतिदूत’, शोधार्थी अरविंद कुमार ने ‘सोशल मीडिया में भारतीय डायस्पोरा की उपस्थिति’, शोधार्थी नंदिनी सिन्हा ने ‘मॉरीशस की हिंदी पत्रकारिता को दुर्गा की देन’ विषय पर अपने शोधपत्र का वाचन किया। सत्र की संयोजक जनसंचार विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. रेणु सिंह ने सत्र का संचालन किया तथा सहायक प्रोफेसर डॉ. राजेश लेहकपुरे ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सत्र में विश्वविद्यालय के अध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।