बन्नाकडीह सरपंच के बर्खास्तगी के अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर के आदेश को उच्च न्यायालय ने किया स्थगित

बिलासपुर. अतरिक्त जिलाधीश बिलासपुर द्वारा बिलासपुर निगम क्षेत्र से लगे ग्राम पंचायत बन्नाकडीह के सरपंच के बर्खास्तगी आदेश को उच्च न्यायालय बिलासपुर ने प्रथम दृष्टया दूषित प्रक्रियागत आदेश मानते हुए स्थगन प्रदान किया साथ ही अतिरिक्त जिलाधीश बिलासपुर सहित प्रकरण के अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। प्रकरण में  उच्च न्यायालय में सरपंच की तरफ से प्रस्तुत याचिका में पैरवी करते हुए अधिवक्ता अनिल सिंह चौहान ने न्यायालय से अपने निवेदन में बताया कि बिलासपुर अतिरिक्त जिलाधीश के न्यायालय में बन्नाकडीह निवासी श्याम सोनी, योगेश सोनी  सहित चार अन्य के द्वारा बन्नाकडीह सरपंच संजय आडिल सहित 4 अन्य पंचगणों  के विरुद्ध शासकीय जमीन पर कब्जे का आरोप लगाते हुए पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 36 खंड 1 (थ) के तहत वाद दायर कर सरपंच व पंच पद से बर्खास्तगी की मांग की गयी थी। अतिरिक्त जिलाधीश न्यायालय में दोनों पक्षों के कथन, पटवारी प्रतिवेदन, तहसीलदार प्रतिवेदन के साथ ही सभी दस्तावेजों एवं साक्ष्यों के परीक्षण, प्रतिपरीक्षण व दोनों पक्षों के अंतिम लिखित तर्क के बाद न्यायालय अतिरिक्त कलेक्टर द्वारा प्रकरण अवलोकन/आदेश हेतु 10 फरवरी 2022 को सुरक्षित कर लिया गया। अतिरिक्त जिलाधीश बिलासपुर द्वारा अवलोकन हेतु सुरक्षित रखे गए प्रकरण में एक पक्ष को लाभ पहुंचाने के नियत से तहसीलदार से पुनः गोपनीय रिपोर्ट विधि विरुद्ध प्रक्रिया को अपनाते हुए सरपंच के विरुद्ध मंगवायी गयी। तहसीलदार द्वारा राजस्व निरीक्षक या पटवारी के दस्तावेजी प्रतिवेदन के सहायता के बिना गोपनीय रिपोर्ट प्रस्तुत की। उक्त गोपनीय रिपोर्ट के संदर्भ में सरपंच बन्नाकडीह व उनके अधिवक्ता को बचाव का अवसर दिए बिना प्रकरण में प्रश्नाधीन आदेश 4 अगस्त 2022 को पारित किया गया। फरवरी माह में अवलोकन/आदेश हेतु लंबित मामले के आदेश पत्रक की आगे की कार्यवाही में लगातार एक पक्ष की उपस्थिति व हस्ताक्षर लिया गया है, वहीं दूसरे पक्षकार सरपंच संजय आडिल व उनके अधिवक्ता को आदेश हेतु सुरक्षित है बताते हुए संबंधित क्लर्क विजय पांडे द्वारा प्रकरण की वस्तु स्थिति को छिपाया गया।  उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता अनिल सिंह चौहान द्वारा प्रस्तुत सरपंच संजय आडिल के आवेदन पर सुनवाई के बाद इसे प्रथम दृष्टया वॉयलेशन ऑफ लॉ करार देते हुए अतिरिक्त जिलाधीश बिलासपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक को तत्काल प्रभाव से स्थगन करते हुए अतिरिक्त जिलाधीश बिलासपुर सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।  बन्नाकडीह सरपंच के लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चयनित होने के बाद दूसरे पक्ष द्वारा प्रस्तुत उक्त प्रकरण में न्यायालय अतिरिक्त जिलाधीश बिलासपुर द्वारा एक पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए जिस तरह की प्रक्रिया अपनायी गयी व आदेश जारी किया गया वह विधि के क्षेत्र में कार्य करने वालों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

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