जागरुक हुए कोटा के लोग : ट्रेन नहीं तो वोट नहीं, सकते में आए जनप्रतिनिधि
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. कोटा के लोगों ने इस बार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है। लोगों का कहना है कि कोरोना काल के बाद से रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों का स्टॉपेज रद्द कर दिया है जिसके चलते कोटा व आस पास के ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। बार-बार रेलवे ज्ञापन सौंपने के बाद भी रेलवे द्वारा कोटा में ठहरने वाली गाडिय़ों को रोका नहीं जा रहा है। अपनी मांग को लेकर कोटा के लोगों ने अब अपने घरों में टे्रन नहीं तो वोट नहीं का बोर्ड चस्पा कर रहे हैं। उनके इस निर्णय से क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सकते में आ गए हैं, उन्हें अभी से चिंता सताने लगी है। मालूम हो कि कोरोना काल में जब जन जीवन ठहर सा गया था तो रेलवे द्वारा ट्रेनों के परिचालन को बंद कर दिया गया था। फिर धीरे-धीरे सब कुछ संभलने लगा और रेलवे द्वारा फिर से यात्री गाडिय़ों का परिचालन शुरू किया गया है। इधर कोटा में जिन गाडिय़ों को ठहराव हुआ करता था उसे अनिश्चित कालिन के लिए बंद कर दिया है। यहां के व्यापारी और प्रति दिन काम पर जाने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है। बिलासपुर से महज 33 किमी दूरी पर स्थित करगीरोड कोटा में कई बार लोगों ने आंदोलन कर ट्रेनों के ठहराव की मांग की गई लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने अभी तक इस मसले पर निर्णय नहीं लिया है। निष्क्रिय हो चुके क्षेत्र के जनप्रनिधियों को सबक सिखाने के लिए कोटा के लोगों ने एक नई पहल करते हुए आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है। ट्रेन नहीं तो वोट नहीं का नारा कोटा विधानसभा क्षेत्र में जंगल में आग की तरह फैलने लगा है।