बंधवा तालाब पार्क : होटल इशिका में पर्यटकों जेब में डाला जा रहा है डाका

बिलासपुर\अनिश गंधर्व. बंधवापारा तालाब को पार्क के रूप में विकसित किया गया है। यहां सौर्दयीकरण में लाखों रूपए खर्च किए गए है। यहां आने वाले लोगों को पार्किंग चार्ज और प्रवेश शुल्क देना पड़ता है। लोग यहां हजारों की संख्या में आते हैं। यहां पर होटल इशिका के नाम पर रेस्टोरेंट संचालित किया जा रहा है। इस रेस्टोरेंट में तय प्रिंट रेट से ज्यादा दाम वसूला जा रहा है और लोगों को बिल भी नहीं दिया जा रहा है। बिल मांगने पर लोगों से दादागिरी की जा रही है। पर्यटकों का कहना है कि इस तरह से की जा रही वसूली के कारण शासन प्रशासन की बदनामी हो रही है। लोग अपने परिजनों के साथ कुछ समय बिताने आते हैं इसका ये मतलब नहीं है कि उनकी मेहनत की कमाई पर कोई रौब दिखाते हुए प्रिंट से ज्यादा पैसे वसूल सके। सीधे तौर यहां दादागिरी की जा रही है। जिस तालाब को कोई झांकने नहीं जाते थे उस बंधवा तालाब को जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन के आला अधिकारियों ने जी तोड़मेहनत कर पार्क के रूप में विकसित किया है। शहर के पहचान के रूप में विकसित हुए इस बंधवा तालाब में भोलेनाथ और पार्वती को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। पर्यटकों के पार्किंग और प्रवेश शुल्क तय कर दिया गया है। आस्था और मनोरंजन के लिए यहां आने वाले लोगों को लूट-खसोट का शिकार होना पड़ रहा है। होटल इशिका में फास्ट फूड, कोल्डिंग इत्यादि का सेवन करने जो लोग जाते हैं उनसे प्रिंट रेट से अधिक दाम वसूला जाता है। बिल मांगने अथवा विरोध करने पर दादागिरी की जाती है। जनहित में इशिका होटल के संचालन व्यवस्था पर लगाम लगाने की आवश्यकता है।

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