ग्राम रिस्दा में प्राकृतिक खेती पर जागरुकता कार्यक्रम सम्पन्न
बिलासपुर. कृषि विज्ञान केन्द्र विलासपुर द्वारा ग्राम रिसदा में वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डा. एम.पी. सिंह के मार्गदर्शन में 50 कृषकों की उपस्थिति में प्राकृतिक होती पर सफलता पूर्वक जागरुकता कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन केन्द्र की शस्य विज्ञान विषय की विशेषज्ञ डा. शिल्पा कौशिक ने प्राकृतिक खेती जिसे ऋषि खेती भी कहा जाता है उस पर अपनी अभिव्यक्ति देते हुये जैविक खेती करने वाले कृषको को आव्हान किया व उन्हें इसके लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किसान भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने आत्मनिर्भर खेती व सुखी किसान के मूलमंत्र पर कृषको को चलते के लिये कहते हुये कहा कि कृषक बन्धु क्रियाशील होकर प्रभावी खेती करे व उसे पूर्णता की ओर हो जाये। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा.एस.पी. सिंह ने अपने उद्बोधन मे कहा कि सिर्फ खेती एकमात्र साधन हैं जो जीवन के तीन पहलु को जैसे जीविकोपार्जन, स्याहार की पूर्वी 45 पोषण की पूर्वी करता है इसके साथ उन्होने कृषको को जीवामृत, बनबीजामृत् ब्रह्मास्त्र, दशपर्णी अर्क बनाने की विधि की ‘विस्तार से जानकारी प्रदान की। जी राजतेन्द्र सिंह चंदेल जो किसान बीज मे सेवा सहकारी समिति के अध्यक्षा है उन्होंने कृषको को अपनी अभिनयक्ति मे कहा कि किसान प्राकृतिक खेती से अपना पूर्ण विक्रम की ओर अग्रसर हो रहे हैं। जैविक विधि से भ अधिक उपज का उत्पादन लिया जा सकता है। हेमन्त तिसरी भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री ने अपने उदबोधन मे कहा हम गो आधारित संकी कर कम लागत में अमित उत्पादन कर पहले अपने गोन, फिर गाँव से जिला जिले से राज्य व अंतु मे शब्द का विकास कर सकते हैं। एच.डी.एफ.सी. बैंक के महादातू जी मनोज जी ने कहा कि प्रषको आसानी को कई प्रकार के लोन मिल सकते है जैसे संग्रहण हेतु गोदाम के लिये १% की लोन मिल सकता जिस पर 3% सबसी ।। है केन्द्र मे पादप रोग विशेषका श्री जगल को बताया दर से साहू ने कृषको कि हमे प्राकृतिक खेती से खेतो मे सूक्ष्म जीवो का बचाव करने के लिये-रुपये के बनाये जीवामृत, घनजीवामृत का उपयोग करना चाहिये | अभियांत्रिकी व खाद्य प्रसंस्करण के विशेष। जी पंकज मिज ने कृषको को मिनि राइस मिल तेल पिरोने वाली मशीन, मूंगफली छोहा यंत्र, मेज शोकर की विस्तार से जानकारी प्रदान की ।” गृह विज्ञान विषय की विशेषज्ञ डा. निवेदिता पाढ़लू अपने उद्बोधन मे कहा कि कृषि मे रसायनो का अधिकाधिक प्रयोग मानव शरीर को अत्यन्त दानि पहुंचाता हैं यह हमारे शरीर मे रक्त के साथ 1. पूरे शरीर मे फैल कर बिमारियो को जन्म देता 7 है तथा अगली पीढ़ी को भी प्रभावित करता है. 4) श्रीमडक शिल्पा ने अपने उद्बोधन मे कृषको को प्राकृतिक खेती वैज्ञानिक तरीके से करने के लिये प्रेरित किया। डा0 निवेदिता पाठक ने धन्य ज्ञापन किया। इस अवसर पर 3-4 गाव प्रगतिशील दूषत् व कृषक मित्र उपस्थित थे।