एसपी संतोष कुमार सिंह के बयान से नाराज सद्भाव पत्रकार संघ छ.ग. ने मुख्यमंत्री के नाम आईजी को सौंपा ज्ञापन

सार्वजनिक रूप से मांगी मांगने की मांग

उग्र आंदोलन में तैयारी में जुटा मीडिया जगत

बिलासपुर/ अनिश गंधर्व.पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह ने एक प्रकाशित खबर पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 440 वाट लगाऊंगा तो समझ आ जाएगा-का जो बयान सामने आया है। उससे पत्रकार जगत अंदर ही अंदर सुलग रहा है। सार्वजनिक रूप से दिए गए इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए सद्भाव पत्रकार संघ छग ने मुख्यमंत्री के नाम आईजी को ज्ञापन सौंपा है। संघ ने चेतावनी भी दी है कि अगर सात दिनों के भीतर पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह सार्वजनिक तौर पर मांफी नहीं मांगते हैं तो जनप्रतिनिधियों के समर्थन में उग्र आंदोलन की जाएगी। इस दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष आरडी गुप्ता, देवदत्त तिवारी, विनय मिश्रा, पंकज खण्डेलवाल, मनीष शर्मा, उमाकांत मिश्रा, प्रकाशचंद्र अग्र्रवाल, सत्येन्द्र वर्मा सहित भारी संख्या में पत्रकार उपस्थित साथियों ने एसपी के बयान पर नाराजगी व्यक्त की है।

लगता है पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह बिलासपुर मीडिया से खासा नाराज चल रहे हैं। वे अपने हिसाब से खबरें प्रकाशित कराना चाहते हैं, पुलिस का ध्यान आकर्षिक कराने वाली खबरों में संज्ञान लेना छोड़, धमकी-चमकी पर उतर आये हैं। जिले के मुखिया को जरा भी ध्यान नहीं है कि पत्रकार मेहनत करके सच्चाई उजागर करते हैं, पुलिस जांच में सहयोग करते हैं। किंतु उन्हें लगता है कि पुलिस प्रशासन में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है। जबकि हकीकत कुछ और ही है, निजात अभियान जो आइना पुलिस प्रशासन द्वारा दिखाया जा है उससे लगता है कि जिले में नशे का कारोबार थम गया है, कहीं पर कोई जुआ सट्टा नहीं चल रहा है सारा कुछ पुलिस के नियंत्रण में है। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है पुलिस के मुंह लगे आदतन लोग आज भी अवैध कारोबार संचालित कर रहे हैं। जिले में मेडिकल नशे का कारोबार, जुआ-सट्टा, शराब-गांजा और देहव्यापार का धंधा खुलेआम चल रहा है। हत्या जैसे से गंभीर मामलों में पुलिस पर लीपापोती का आरोप लगाया जा रहा है, लोग चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे है कि साहब हत्या के मुख्य आरोपी क्यों नहीं पकड़ रहो हो, पुलिस विवेचना में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। बावजूद इसके पुलिस अधीक्षक के निगरानी में सब नियंत्रण में है। न्यायधानी की पुलिस पर समय-समय पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। एसपी राहुल शर्मा की हत्या, पत्रकार सुशील पाठक गोलीकांड, गौरांग बोबड़े मर्डर सहित अन्य अनसुलझे मामलों में बिलासपुर पुलिस की जमकर किरकिरी हो चुकी है।

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