प्रदेश में हुए 269 करोड़ रुपए के गोबर घोटाले की सीबीआई जांच हो- नेता प्रतिपक्ष
बिलासपुर. प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने राज्य सरकार पर 269 करोड़ों रुपए के गोबर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ के गोबर घोटाले को बिहार के चारा घोटाले से बड़ा बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को कायदे से इसकी सीबीआई जांच कराने की सिफारिश केंद्र से करनी चाहिए। श्री नारायण चंदेल बिलासपुर के भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक रजनीश सिंह और प्रदेश पदाधिकारी भूपेंद्र सव्वन्नी तथा जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत भी उनके साथ ही मौजूद रहे। नारायण चंदेल ने अपनी बातों को विस्तार से बताते हुए कहा कि गाय गोबर गौठान, नरवा और घुरवा, प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट रहे हैं। और इस ड्रीम प्रोजेक्ट की राज्य में जैसी दुर्गति हुई है। उसे अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रदेश की बाकी योजनाओं और कार्यों का क्या हुआ होगा..? श्री नारायण चंदेल ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दिनों प्रदेश स्तर पर संगठन के जरिए 948 गौठानों का निरीक्षण कराया था। इनमें पाया गया कि कई जगह गौठानों पर ताले लगे रहे। अनेक स्थानों पर गौ माता के लिए न तो पैरा का इंतजाम था और न पानी का। अनेक स्थानों में गौ माताओं की देखरेख करने के लिए कोई व्यक्ति भी तैनात नहीं था। श्री चंदेल ने कहा कि बहुत सी जगहों पर गौठानों के दरवाजों पर लगे ताले और भीतर पूरी तरह सन्नाटा था। नारायण चंदेल ने पामगढ़ के पास भैंसों गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां गौठान में मर चुकी 28 गौ माताओं के शव को केवल पैरा डालकर जलाया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भैसों का यह मामला खुद उनके सामने हुआ है। श्री चंदेल ने कहा कि दुर्ग में जो कि गृह मंत्री का अपना जिला है वहां दो स्थानों पर गौठान से गौ तस्कर 40 गौ माताओं को चुरा कर ले गए।। श्री चंदेल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अपने क्षेत्र में स्थित अचानकपुर गौठान में 25 गांव माताओं की मौत हो गई है। उन्होंने प्रदेश सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की हालत बहुत खराब बताते हुए इसे बिहार में हुए चारा घोटाला से भी कई गुना अधिक बड़ा घोटाला निरूपित किया। और प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश करें।