सालसा ने किया बाल सम्प्रेक्षण गृह का औचक निरीक्षण

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) के माननीय कार्यपालक अध्यक्ष के निर्देशानुसार सालसा की टीम जिसमें सदस्य सचिव श्री आनंद प्रकाश वारियाल, उप सचिव श्री गिरीश कुमार मंडावी विधिक सहायता अधिकारी शशांक शेखर दुबे एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सचिव  राकेश सिंह सोरी के द्वारा नूतन चौक स्थित बाल सम्प्रेक्षण गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी होम तथा विशेष गृह का औचक निरीक्षण किया गया। बाल सम्प्रेक्षण गृह के निरीक्षण में 25 प्लेस ऑफ सेफ्टी होम में 11 तथा विशेष गृह में 06 बच्चों को वर्तमान में होना पाया गया, जबकि उपरोक्त तीनों स्थानों की क्षमता 100 बच्चों की है। निरीक्षण में बच्चों को दिये जाने वाले भोजन, रहने के स्थान एवं उनकी शैक्षणिक स्थिति की व्यवस्था का जायजा लिया गया। भवन की दीवारों में सिपेज एवं अन्य साफ सफाई हेतु निर्देश दिये गये। टीम द्वारा बच्चों से बातचीत कर उन्हें आवश्यक समझाईश दी गई। 11 बच्चो के प्रकरण में अधिवक्ता नहीं होने से उन्हें अधिवक्ता उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। बाल सम्प्रेक्षण गृह में अधीक्षक सहित 15 में से 12 अधिकारी/कर्मचारी के पदों को रिक्त होना पाया गया। प्लेस ऑफ सेफ्टी एवं विशेष गृह के लिए नवनिर्मित भवन का भी निरीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि नवनिर्मित भवन में पानी की व्यवस्था नहीं की गई है, जिसमें कौंसिलिंग कक्ष को सीमार्ट को दे दिया गया है, जिससे बच्चों की कौंसिलिंग करने की जगह अब नहीं रह गई है। सालसा के सदस्य सचिव द्वारा बच्चों को सम्बोधित करते हुए सम्प्रेक्षण गृह को जेल नहीं बल्कि सुधार गृह होना बताते हुए उन्हें अपराध से मुक्त होकर एक अच्छे नागरिक बनाने की समझाईश दी गई। बाल कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा व्यवस्था में कुछ सुधार के संबंध में सदस्य सचिव से अनुरोध किया गया तथा बताया गया कि दूसरे जिले से आने वाले बच्चों को पेशी पर ले जाने के लिये पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध नहीं होता है। जिले के थानों में एसजीपीयू यूनिट नहीं है और किशोर न्याय अधिकारी भी नहीं है। निरीक्षण के दौरान जिला महिला बाल विकास अधिकारी उमाशंकर गुप्ता, किशोर न्याय एवं बाल कल्याण समिति के सदस्य उपस्थित रहें। अवगत हो कि माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के किशोर न्याय सेल के द्वारा उच्च न्यायालय में किशोर न्याय पर दिनांक 12-08-2023 को राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग, राज्य बाल संरक्षण आयोग, यूनिसेफ, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, किशोर न्याय बोर्ड के न्यायाधीश, स्वास्थ्य विभाग, समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतिभागी होंगे।

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