संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में मोदी ने की ‘ग्रीन क्रेडिट’ की घोषणा
दुबई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यह उल्लेख करते हुए कि दुनिया के पास पिछली सदी की गलतियों को सुधारने के लिए ज्यादा समय नहीं है, लोगों की भागीदारी के माध्यम से ‘कार्बन सिंक’ बनाने पर केंद्रित ‘ग्रीन क्रेडिट’ पहल की घोषणा की। उन्होंने 2028 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन या सीओपी33 की भारत द्वारा मेजबानी का प्रस्ताव भी रखा।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (सीओपी28) के दौरान राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों के प्रमुखों के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘मैं आप सभी को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं।’ यह पहल अक्तूबर में देश में अधिसूचित ‘ग्रीन क्रेडिट’ कार्यक्रम के समान है। यह बाजार-आधारित अभिनव तंत्र है जिसे व्यक्तियों, समुदायों और निजी क्षेत्र द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों को पुरस्कृत करने के लिए तैयार किया गया है। मोदी ने कहा कि भारत ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर दुनिया के सामने बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है, जो तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपने निर्धारित योगदान या राष्ट्रीय योजनाओं को हासिल करने की राह पर हैं। उद्घाटन सत्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के कार्यकारी सचिव साइमन स्टिल के साथ मंच पर सीओपी28 के अध्यक्ष सुल्तान अल जाबेर के साथ शामिल होने वाले मोदी एकमात्र नेता थे।