मुंबई के लीलावती अस्पताल ने रोशनी कैटरेक्ट सर्विस के साथ मिलकर निःशुल्क मोतियाबिंद सर्जरी शुरू की
मुंबई/अनिल बेदाग. लीलावती अस्पताल अँण्ड रिसर्च सेंटर ने रोशनी कैटरेक्ट सर्विस के साथ मिलकर वंचित व्यक्तियों के लिए मोफत नेत्र तपासणी और मोतियाबिंद सर्जरी का नया उपक्रम शुरू किया हैं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन किशोर मेहता सहित लिलावती अस्पताल के सम्मानित संस्थापकों और स्थायी ट्रस्टियों द्वारा किया गया। इस वक्त चारू मेहता, राजीव मेहता, राजेश मेहता और प्रशांत मेहता उपस्थित थे। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नेत्र स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता निर्माण करना और जरूरतमंद लोगों को समय रहते वैदयकीय सेवा प्रदान करना है।
भारत में मोतियाबिंद के कारण अंधापन औऱ दृष्टि हानि की समस्या बढ रही हैं। देशभर में लाखों लोगों मोतियाबिंद की समस्या से पिडीत हैं। मोतियाबिंद के कारण दृष्टि धुंधली हो जाती है जो समय के साथ बिगड़ती जाती है। सर्जरी के बिना, मोतियाबिंद से गंभीर दृष्टि हानि होती है। मोतियाबिंद सर्जरी दृष्टि बहाल करने का एकमात्र तरीका है। समय रहते मोतियाबिंद का निदान औऱ इलाज हुआ तो दृष्टीहानी से बचाया जा सकता हैं।
मुंबई के प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल अण्ड रिसर्च सेंटर के ट्रस्टी राजीव मेहता ने कहॉं की, ‘‘दृष्टीहानी की समस्या बढती जा रही हैं। समय रहते जरूरतमंदों को वैदयकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लीलावती अस्पताल ने रोशनी कैटरेक्ट सर्विस के साथ मिलकर वंचित व्यक्तियों के लिए मोफत नेत्र तपासणी और मोतियाबिंद सर्जरी का नया उपक्रम शुरू किया हैं। आंखो के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता निर्माण करना इस उपक्रम का मुख्य उद्देश हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से, लीलावती अस्पताल यह सुनिश्चित करके समाज को वापस देने की अपनी विरासत को जारी रखता है कि आर्थिक रूप से वंचित लोगों को भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हों।’’
लीलावती अस्पताल अण्ड रिसर्च सेंटर के स्थायी ट्रस्टी राजीव मेहता ने कहॉं की, ‘‘मोतियाबिंद का शीघ्र पता लगाने और उपचार के लिए नियमित नेत्र जांच के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक कराया गया। कई बार आर्थिक स्थिती अच्छी न होने के कारण व्यक्ती इलाज नही कराते। समय रहते इलाज नही हुआ तो बिमारी गंभीर स्वरूप धारण कर सकती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए लीलावती अस्पताल में वंचित लोगों के लिए निःशुल्क नेत्र जाचं और मोतियाबिंद सर्जरी की नई पहल शुरू की हैं। इस कार्यक्रमों का लक्ष्य उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना हैं।’’
लीलावती हॉस्पिटल अण्ड रिसर्च सेंटर के सीओओ डॉ. नीरज उत्तमानी ने कहा कि, मोतियाबिंद भारत में एक प्रमुख मुद्दा है, जिससे ७०% अंधापन और ९०% विकृत दृष्टि होती है। भारत में लाखों लोग इससे प्रभावित हैं। इसलिए इसके लिए तुरंत कदम उठाना काफी जरूरी हैं। मोतियाबिंद की दर कम करने के लिए समयपर निदान और इलाज करना चाहिए। मोतियाबिंद का इलाज नही किया जाए तो काफी नुकसान हो सकता हैं। इसलिए सब लोगो को एकसाथ आकर काम करना चाहिए। इस कारण मोतियाबिंद से संबंधित अंधेपन को कम करने और दृष्टि में सुधार करने, प्रभावित लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद कर सकता है।
राजीव मेहता कहते हैं कि रोशनी मोतियाबिंद सेवा के तहत हमने लगभग 200 मरीजों की जांच की है, जिनमें से 29 मरीजों की मुफ्त मोतियाबिंद सर्जरी होने वाली है। लोगों को अंधेपन का सामना न करना पड़े इसके लिए लीलावती हॉस्पिटल सदैव प्रयास कर रहा हैं। हमारा उद्देश 500 से अधिक सफल सर्जरी करने का है।