विपक्ष के विरोध के बीच ओम बिरला ने सदन में किया आपातकाल का जिक्र
नयी दिल्ली. दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद ओम बिरला ने विपक्ष के विरोध के बीच सदन में आपातकाल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया और संविधान पर हमला किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को सदन को संबोधित करते हुए कहा कि सभी सदस्यों को संसदीय परंपराओं के अनुरूप सामूहिक रूप से राष्ट्रहित के लिए काम करना चाहिए तथा सड़क और संसद में विरोध के अंतर को समझते हुए सहमति-असहमति व्यक्त करनी चाहिए।
बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी है और पिछले एक दशक में देश की जनता की अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सबका दायित्व हो जाता है कि जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हम सामूहिक प्रयास करें। हम रचनात्मक चिंतन और नूतन विचारों के साथ काम करें। उच्चकोटि की संसदीय परंपराएं स्थापित हों। पक्ष, विपक्ष की मर्यादित सहमति-असहमति की अभिव्यक्ति हो। देश में ज्वलंत मुददों पर सार्थक चर्चा, संवाद हो। हम विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने की इच्छाशक्ति के साथ काम करें।”
उन्होंने कहा, ‘‘सदन में सभी तरह के विचार आने चाहिए। सहमति-असहमति लोकतंत्र की ताकत है। सभी सदस्यों की विचारधारा अलग है लेकिन देश सर्वोपरि है। मेरी अपेक्षा है कि सभी की सहमति से सदन चलाऊं और एक सदस्य वाले दल को भी पर्याप्त मौका मिले।”
बिरला ने कहा, ‘‘मैं कभी किसी सदस्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहता, लेकिन आप भी संसदीय परंपराओं का ध्यान रखें। संसद के विरोध में और सड़क के विरोध में अंतर होना चाहिए। विरोध के तरीके को संसद की मर्यादा के अनुरूप अपनाएं।”
उन्होंने कहा कि व्यवधान लोकसभा की परंपरा का हिस्सा नहीं है और उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में उन्हें कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी। बिरला ने कहा कि हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में देश के 64 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने भौगोलिक चुनौतियों और मौसम संबंधी विषमताओं के बावजूद उत्साह से भाग लिया जिसके लिए जनता आभार की अधिकारी है।
उन्होंने निर्वाचन आयोग को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर बिरला ने लोकसभा के पूर्व अध्यक्षों को भी याद किया।