साइबर अपराध पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती- आईजी
बिलासपुर. जब से आंख खुली है तब से बिलासपुर से मेरा गहरा नाता रहा है। मेरी हर शुरूवात बिलासपुर से हुई यहां की अपनी परंपरा है। मेरा चयन 1990 में बिलासपुर से हुआ। ननिहाल होने के कारण बिलासपुर संभाग मेरे लिए जाना पहचाना है। पत्रकार प्रवीण बेनर्जी, सुशील पाठक अब इस दूनिया में नहीं है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उक्त बातें पुलिस महानिरीक्षण डॉ. संजीव शुक्ला ने आज प्रेस क्लब में आयोजित पहुना कार्यक्रम कही। प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली व उनकी टीम ने आईजी बिलासपुर का पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। आईजी डा. संजीव शुक्ला ने कहा कि मेरे 35 साल के सर्विस में बहुत परिवर्तन हुआ है। पहले लोकल चोरों को चिन्हांकित कर पकड़ लिया जाता था, बाहर से आने वाले चोर गिरोह पर नजर रखी जाती थी। आज के दौर में अपराध का स्वरूप बदल गया है। साइबर अपराध पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। विदेश में बैठकर लोग ऑन लाइन ठगी कर रहे हैं। पुलिस और प्रेस के माध्यम से साइबर ठगी करने वाले गिरोह के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना सबसे बड़ी चुनौती है। पार्किंग की व्यवस्था नहीं है और गाडिय़ों की संख्या ज्यादा है। इसलिए सड़कों का चिन्हांकन सुधार करने की आवश्यकता है। नए कानून का पीडि़त पक्ष को लाभ मिलेगा इसका परिणाम जल्द ही सामने आएगा। नए कानून के संबंध में पुलिस कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। नए कानून को लेकर हो शंका धीरे-धीरे खत्म होगी। दस हजार लोगों पर नियंत्रण करने के लिए 200 पुलिस कर्मचारी तैनात किए जाते हैं। कोई भी अपराधी पुलिस सहायता केन्द्र के भीतर प्रवेश नहीं कर सकता। सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।