बेरोजगारी और महंगाई से ध्यान हटाने के लिये धर्म को धर्म से लड़ाने में लगी है भाजपा सरकार


रायपुर. 45 साल में देश में आज बेरोजगारी सबसे अधिक है। महंगाई और बेरोजगारी की स्थिति को लेकर भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 2018 में 12 हजार बेरोजगारों ने एनसीआरबी के आंकड़ो के मुताबिक आत्महत्या की। सरकारी नौकरियां 39 हजार कम हुयी है। 16 लाख रोजगार के अवसर कम हुये है। नौकरी वालों के घर जो पैसा भेजते है उसमें भी कमी आई है।  पर महंगाई की मार है। महंगाई की मार झेल रहे झेल-झेल के घरो की गृहस्थी का बजट बिगड़ गया है। महंगाई की इस मार को झेल रहा आदमी बेरोजगारी और आर्थिक मंदी दंश भोगने के लिये मजबूर है। साढ़े पांच साल के सबसे ऊंचे स्तर पर महंगाई पहुंच चुकी है और खाने पीने की वस्तुएं सबसे ज्यादा महंगी हुयी है अर्थात् मोदी सरकार ने लोगों को रोजीरोजगार से भी वंचित किया है। खाने की चीजें महंगी करके दोहरी मार लोगो पर पड़ी है। इन सबसे ध्यान हटाने के लिये धर्म से धर्म को लड़ाने की कोशिशों हो रही है। इन सबसे लोगों का ध्यान हटाने के लिये नागरिकता कानून जैसे अप्रासंगिक कानून देश के संविधान विरोधी कानून लाये जा रहे है। पिछले 6 साल से जो देश की आर्थिक स्थिति है, महंगाई है, बेरोजगारी है, किसानों की जो दशा इस देश में हो रही है, इन तमाम चीजों की तरफ केन्द्रीय सरकार का कोई ध्यान नहीं है। ये तमाम बातें मोदी सरकार की प्राथमिकता में नहीं हैं। जनता का ध्यान बेकारी और बेरोजगारी की तरफ ना जाए, किसान जो आत्महत्या कर रहे हैं, उसकी तरफ ना जाए, लोग सड़कों पर ना आएं, महंगाई के लिए जिस तरह से पेट्रोलियम प्रोडक्ट, गैस, खाने-पीने की चीजों को लेकर महंगाई है, तो इसलिए इऩ्होंने लोगों को काम दिया है, दो तरीकों का काम दिया है- एक काम तो देश को धर्म के आधार पर बांटने का। दूसरा-कोई ना कोई विवादित कानून लाओ, बिल लाओ, जिसमें लोग आपस में ही झगड़ते रहें, लड़ते रहें और उनका ध्यान असली मुद्दों की तरफ ना जाए।

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