विकलांग-विमर्श की चौदहवीं राष्ट्रीय संगोष्ठी अयोध्या में
बिलासपुर. अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद एवं प्रयास प्रकाशन बिलासपुर के तत्वावधान में थावे विद्यापीठ गोपालगंज अयोध्या के दीक्षांत समारोह में जहाँ विकलांग-विमर्श विषयक चौदहवीं संगोष्ठी का आयोजन 19 और 20 अक्टूबर को उदासीन संगत ऋषि आश्रम रानोपाली में सम्पन्न होगा।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बाजपेयी पूर्व न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय तथा कुलपति हिदायतुल्ला विधि विश्वविद्यालय को उनके द्वारा लिखित महत्वपूर्ण शोध ‘ मेरी अंतर्यात्रा ‘ ,चारों शंकराचार्यों द्वारा धर्म विभूषण से सम्मानित श्रीधर गौरहा के उल्लेखनीय ग्रंथ ‘ दश महाविद्या ‘ और श्रीमती आभा गुप्ता द्वारा प्रस्तुत शोधग्रंथ ‘श्रीमदभागवत का अनुशीलन ‘ पर विद्यासागर(डी. लिट्.)की मानद उपाधि प्रदान की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में संपन्न विकलांग-विमर्श विषयक संगोष्ठी में जहाँ बीज वक्तव्य के लिए अमलनेर (महाराष्ट्र) के प्रो.सुरेश माहेश्वरी को आमंत्रित किया गया है वहीं न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बाजपेयी के मुख्य आतिथ्य और डॉ.विनय कुमार पाठक कुलपति थावे विद्यापीठ की अध्यक्षता में डॉ. अशोक कुमार सनोठिया(इंदौर),डॉ. प्रभा दुबे(नोयडा),डॉ. अर्चना पांडेय(दुर्ग)डॉ. जे.बी.पांडेय (राँची), डॉ.अरुण कुमार यदु,डॉ.श्रीधर गौरहा,डॉ.आभा गुप्ता एवं विष्णु कुमार तिवारी (मुंगेली छग)शोधपत्रों का वाचन करेंगे।
इस महवपूर्ण कार्यक्रम के लिए मदनमोहन अग्रवाल राष्ट्रीय महामंत्री,राजेंद्र अग्रवाल ‘ राजू ‘राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष,डी.पी.गुप्ता राष्ट्रीय संगठन मंत्री सहित तुलसी साहित्य अकादमी के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र दुबे सहित प्रतिनिधि साहित्यकारों ने प्रसन्नता ज़ाहिर की है।