विद्यालय में असुरक्षित बेटियां: वंदना राजपूत
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने विद्यालय में बेटियों के साथ अनाचार, अत्याचार की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा शासन में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा तो खूब लगाए लेकिन बेटियों की भविष्य के साथ, अस्मिता के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है वह भी भाजपा के शासन में।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि हाल ही में जिला गरियाबंद की ब्लॉक मैनपुर में हायर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों के साथ मानसिक प्रताड़ना के साथ शारीरिक शोषण का मामला भी सामने आया है। वहां पदस्थ शिक्षक बच्चों के साथ मानसिक शोषण कर रहे हैं, बच्चों के साथ अश्लील बातें करते हैं और अश्लील बातों का जवाब नहीं देने पर बच्चों को प्रताड़ित किया जाता है। विद्यार्थी न्याय की गुहार लगाने के लिए 45 किलोमीटर की दूरी तय कर गरियाबंद के कलेक्टर से निवेदन करने इस विश्वास में गये थे कि उनकी समस्या का निवारण होगा, लेकिन वहां भी बच्चों को सांत्वना और तिरस्कार ही मिला। कुछ दिन पहले भी जिला राजनांदगांव के विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर विद्यार्थी जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने इस विश्वास से गए थे कि उनके समस्या का समाधान होगा लेकिन जिम्मेदार अधिकारी विद्यार्थियों को जेल में भेजने की धमकी दिया जाता है और डराया धमकाया जाता है। जिला नारायणपुर में भी 8 बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें कर उनका शारीरिक शोषण शिक्षकों द्वारा किया जा रहा था और छात्रों के द्वारा शिकायत करने पर आरोपों की छानबीन सीडब्ल्यूसी टीम ने किया किया और अपनी टीम की रिपोर्ट पुलिस सहित प्रशासन को सौंप दी थी। इसके बावजूद शिक्षक बनकर भक्षक कार्य करने वाले आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही करने पुलिस एवं जिला प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे जो निंदनीय है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय इसलिए भेजते हैं कि उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त कर अच्छे नागरिक बने और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाये लेकिन भाजपा शासन में बच्चों के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि विद्यालयों में लगातार बच्चियों के साथ मानसिक, शारीरिक शोषण का मामला सामने आ रही है इन घटनाओं का बढ़ना न केवल चिंताजनक है बल्कि शर्मनाक भी है। इस पर सरकार को गहन चिंतन करना चाहिए और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देना चाहिए।