सर्वे रिपोर्ट: जिले में सभी तरह के पालतु पशुओं की संख्या हुई कम

बिलासपुर/ अनिश गंधर्व। जिले में पशुपालन विभाग द्वारा पालतू पशुओं की गणना के लिए सर्वे किया जा रहा है। जो सर्वे पूर्व में कराया गया था उसके मुताबिक गांवों में अब पशुओं की संख्या कम हो रही है। कोसली गाय, भैंस, असील मुर्गी, अंजोरी बकरी की प्रजाती को अच्छे नस्ल का माना गया है। इनकी गणना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 21वीं पशु संगणना अभियान चलाया जा रहा है। मेरी पशु मेरी जानकारी, होगी समृद्धि हमारी। खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाने के लिए पशुधन की चिन्हारी के लिए सरकार पहल तो कर रही है किंतु पशुपालकों में रूची नहीं होने के कारण सभी तरह के पशुओं में कमी आ रही है। बिलासपुर जिले में पशुपालन विभाग द्वारा पशु पालकों के घरों में जाकर जानकारी एकत्र की जा रही है। विभाग द्वारा 28 फरवरी तक सर्वे पूरा किया जाना है, जो संभव नजर नहीं आ रहा है। अच्छे नस्ल की पशुओं की गणना कर ग्रामीणों को सहायता प्रदान की दिशा में राज्य शासन द्वारा हर पांच साल में पालतू पशुओं की गणना की जाती है। पशुओं के रख-रखाव व उपचार संबंधी सभी तरह के उपाय भी की जाती है। किंतु बदलते जमाने में अब पशु पालने में लोग रूची नहीं ले रहे हंै। बिलासपुर जिले में 833 गांव है, पशुपालन विभाग के अधिकारी कर्मचारी अब तक 565 गांवों में दौरा कर पशुओं की गणना कर चुके हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सर्वे में यह पाया गया है कि जिले सभी तरह के पशुओं की संख्या में कमी आ रही है।

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