बिलासपुर में भूमाफियाओं पर शिकंजा, राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत पर उठे सवाल

 

 

बिलासपुर। न्यायधानी में इन दिनों भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिससे उनकी गतिविधियों पर अंकुश लग रहा है। वहीं, दूसरी ओर कुछ राजस्व और नगर निगम अधिकारियों पर भूमाफियाओं के साथ साठगांठ कर भ्रष्टाचार करने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। कहा जा रहा है कि इन अधिकारियों ने 20 वर्षों से रह रहे लोगों के मकानों को अवैध कब्जा बताकर उन्हें बेदखल करने की कोशिश की है।

 

साईं विहार कॉलोनी में सरकारी जमीन का हेरफेर

तिफरा स्थित खसरा क्रमांक 193 पर बनी साई विहार कॉलोनी के मुख्य मार्ग सहित लगभग 15,000 वर्गफुट शासकीय धरसा भूमि को भूमाफिया रमनदीप सलूजा, अजीत पटेल और मनोज गुप्ता ने राजस्व और नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत से 3 करोड़ रुपये में बेच दिया। आरोप है कि इस अवैध सौदे को अंजाम देने के लिए तहसीलदार, आरआई और पटवारी ने लाखों रुपये की रिश्वत ली।

 

नियमविरुद्ध सीमांकन पर विवाद, फिर भी जारी नोटिस

भूमाफियाओं के इशारे पर राजस्व अधिकारियों ने पहले नियमों के विपरीत सीमांकन कराया था, जिसे अतिरिक्त कलेक्टर ने निरस्त कर दिया था। बावजूद इसके, अधिकारियों ने दोबारा अवैध सीमांकन कराकर 20 वर्षों से रह रहे निवासियों को अतिक्रमणकारी बताकर उन्हें धमकी भरे नोटिस जारी कर दिए।

 

स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों का विरोध

साईं विहार विकास समिति तिफरा सहित स्थानीय भूस्वामियों और जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर, कमिश्नर और महापौर को लिखित शिकायत दी है। बताया जा रहा है कि तिफरा के खसरा क्रमांक 194 और 195 को भी शासकीय भूमि दर्शाकर वहां के निवासियों को अवैध कब्जाधारी घोषित किया जा रहा है, जबकि नगर निगम ने 20 वर्ष पूर्व ही इन मकानों के लिए नक्शा पास किया था और संपत्ति कर भी वसूला जा रहा है।

 

घुरु में सरकारी जमीन को निजी बताकर प्लॉटिंग

खसरा क्रमांक 304/1 और 304/2 की जमीन को भूमाफिया रमनदीप सलूजा और अजीत पटेल ने खरीदा था। आरोप है कि उन्होंने तिफरा की शासकीय धरसा भूमि को निजी संपत्ति बताकर अवैध प्लॉटिंग कर बेच दिया। साईं विहार समिति बीते दो वर्षों से लगातार इस मामले की शिकायत कर रही है, लेकिन अब तक भूमाफियाओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस घोटाले में संलिप्त अधिकारियों और भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह के भ्रष्टाचार को रोका जा सके।

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