बिलासपुर में पत्रकार पर जानलेवा हमला: प्रेस क्लब में फूटा आक्रोश, पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग
बिलासपुर/अनिश गंधर्व। बिलासपुर शहर में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। अब आम नागरिक ही नहीं, पत्रकार भी गुंडागर्दी का शिकार हो रहे हैं। बीती रात शहर के प्रेस फोटोग्राफर शेखर गुप्ता और उनके पिता अशोक गुप्ता पर कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके घर में घुसकर जानलेवा हमला कर दिया। यह घटना न केवल चिंता का विषय है बल्कि पत्रकार सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करती है।
हमले की खबर फैलते ही शहर के पत्रकारों में आक्रोश फैल गया। शनिवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें पत्रकारों ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए प्रशासन से तत्काल कड़ी कार्रवाई की मांग की। बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन गंभीर नहीं है।
पत्रकारों की मांग है कि शहर के सभी थानों में संबंधित क्षेत्र के पत्रकारों की सूची बनाई जाए, जिसमें उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाए। इससे आपातकालीन स्थिति में उन्हें त्वरित सहायता मिल सकेगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर मामले की गंभीरता से अवगत कराएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेगा।
बैठक में प्रेस क्लब अध्यक्ष इरशाद अली, दिलीप यादव, संजीव पांडे, मनीष शर्मा, अखलाख खान, पंकज गुप्ता, मनीष शरण, गुडा सदाफले, श्याम पाठक, घनश्याम गंधर्व, मोहम्मद इसराइल सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे। सभी ने एकमत से यह संकल्प लिया कि जब तक पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक विरोध जारी रहेगा।
इस घटना ने न केवल पत्रकारों को झकझोरा है, बल्कि प्रशासन को भी चेतावनी दी है कि अगर ऐसे मामलों पर लगाम नहीं लगाई गई तो प्रेस जगत में असंतोष और अविश्वास बढ़ सकता है।