प्रकृति की अनुकूलता का मास, श्रवण में शिव आराधना फलदायी

 

बिलासपुर. ओंकारेश्वर महादेव मंदिर सागा लेआउट शुभम बिहार में श्रावण मास के प्रथम सोमवार को देवों के देव महादेव का संपूर्ण विधि-विधान से रुद्राभिषेक किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं थावे विद्यापीठ बिहार के कुलपति डॉ.विनय कुमार पाठक ने रुद्राभिषेक करने के पश्चात कहा कि श्रावण मास के सोमवार का विशेष महत्व है। श्रावण में प्रकृति तत्व की प्रधानता के कारण सच्चिदानंद में अंतर्भुक्त सत्य, शिव और सुंदर की साधना सहज हो जाती है ।
उन्होंने आगे कहा-प्रकृति अपने संपूर्ण भावों के साथ साधकों एवं भक्तों को अनुकूल अवसर प्रदान करती है।इस माह में प्रकृतस्थ होकर प्रणायाम द्वारा भगवान शिव की पूजा का विशेष फल भक्तों को प्राप्त होता है।
. ओंकारेश्वर महादेव मंदिर के संस्थापक अध्यक्ष एवं संरक्षक रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने मंदिर के स्थापत्य शैली की चर्चा करते हुए मंदिर की महत्ता पर प्रकाश डाला।
समाजसेवी एवं मंदिर प्रशासन के सदस्य शैलेन्द्र सिंह कछवाहा ने कहा- साधना के पूर्ति काल में आसुरी शक्तियां भी प्रबल रहती हैं,वे विघ्न उत्पन्न कर हमारी सनातनी अध्यात्मिक साधना को हतोत्साहित कर सकती हैं पर जहां शिव हैं वहां सत् चित् और आंनद अर्थात सच्चिदानन्द की अध्यात्मिक तरंग संपूर्ण वातावरण में
तरंगायित है।अतः साधक और शिव भक्तों के लिए श्रावण मास अनुकूल अवसर है।
पूजन समिति के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने कहा कि भक्तों की मनोकामना पूर्ति, साधना,रुद्रा- भिषेक एवं पूजा आराधना के माध्यम से साध्य तक पहुंचना श्रावण मास में ही संभव है।
मंदिर के कोषाध्यक्ष शंकर गेंदले ने रुद्राभिषेक में सम्मिलित श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रांजल पाठक,राज कछवाहा,अरुणा सिंह कछवाहा,ऊषा श्रीवास्तव, सोनिया गेंदले, निर्लिप्ता श्रीवास्तव, मोनिका साहू,प्राची साहू,शालू गेंदले सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।

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