पीएससी परीक्षा की गोपनीयता भंग मूल्यांकनकर्ताओं के नाम सार्वजनिक

- भाजपा के राज में पीएससी परीक्षा मजाक बना दी गयी
- सरकार इस मूल्यांकन घोटाले की भी सीबीआई जांच कराये
रायपुर। भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य लोकसेवा आयोग (पीएससी) को बर्बाद कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षाओं को यूपीएससी की तर्ज पर करवाने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने पीएससी की परीक्षाओं को मजाक बना कर रख दिया है। पीएससी की परीक्षा के कॉपी जांचने में घोटाला हो रहा है। सीजीपीएससी की परीक्षा के उत्तर पुस्तिका जांचने वालों के नाम समाचारों में छप रहे। एक वेबसाइट में खबर चल रही है कि पीएससी ने डेपुटेशन पर नौकरी करने वालों तथा अपात्र एल.बी. शिक्षकों को पीएससी परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांचने का जिम्मा दिया है। यदि इस खबर में सच्चाई है तो यह बेहद चिंता का और आपत्तिजनक है। विधानसभा चुनाव के समय पीएससी की परीक्षा पर सवाल खड़ा करने वाली भाजपा इस गड़बड़ी पर जवाब दे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस खबर के अनुसार बिलासपुर पीजीबीटी कॉलेज के डेपुटेशन में नौकरी करने वाले लोग पीएससी की परीक्षा की कॉपी जांच रहे है। खबर में कॉपी जांचने वाले शिक्षकों विद्याभूषण शर्मा, सलीम जावेद एवं वहां की प्रिंसिपल सभी का उल्लेख है। इस खबर के सार्वजनिक होने के बाद भी अभी तक पीएससी की ओर से न कोई खंडन आया, न स्पष्टीकरण।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पीएससी की परीक्षा में प्रश्न पत्र सेट करने से लेकर उत्तर पुस्तिका जांचने का काम गोपनीय होता है। यह कैसे सामने आया कि कौन लोग कॉपी जांच रहे है? जब परीक्षा में गोपनीयता ही नहीं बची तो उसकी निष्पक्षता और ईमानदारी पर भी सवाल खड़ा होता है। परीक्षा में ईमानदारी से बिना गड़बड़ी के चयन होगा इसकी संभावना समाप्त हो गयी है। कक्षा पांचवी के बोर्ड परीक्षाओं में भी प्रश्न पत्र सेट करने वाले तथा कॉपी जांचने वाले शिक्षकों के नाम गोपनीय रहते है, यहां तो एसडीएम, डीएसपी, नायब तहसीलदार, महिला बाल विकास अधिकारी एवं अन्य उच्च संवर्ग के पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित की गयी है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है, यह बेहद ही गंभीर मामला है। इस खबर ने छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षा प्रणाली की गड़बड़ी को सामने ला दिया है। पीएससी अपनी परीक्षा की गोपनीयता पर कितना गंभीर है यह सामने आ रहा है। जब बाजार में परीक्षकों के नाम सामने आ रहे है तो इसकी क्या गारंटी है कि परीक्षा की कॉपी निष्पक्षता से और ईमानदारी से जांची गयी है। पीएससी परीक्षा की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में भी सीबीआई जांच होनी चाहिए।