अहोई अष्टमी व्रत आज
आज अहोई अष्टमी है। हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का व्रत संतानवती महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। आज के दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना करती हैं। देवी अहोई को माता पार्वती का अवतार माना जाता है, जो संतान की रक्षक हैं।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक व्रत सूर्योदय से लेकर तारों के दर्शन तक रखा जाता है। शाम को लगभग 6:38 बजे तारे दिखने पर महिलाएं पूजा कर व्रत का पारण करेंगी। कुछ स्थानों पर चंद्र दर्शन के बाद भी व्रत खोला जाता है। पूजा विधि के अनुसार, दीवार पर अहोई माता, सात पुत्रों और साही का चित्र बनाकर जल का कलश रखा जाता है। महिलाएं तारों की छांव में दीप जलाकर कथा सुनती हैं और माता को अर्घ्य अर्पित करती हैं। इसके बाद संतान को मिठाई खिलाकर आशीर्वाद देती हैं।