‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ गांवों में तकनीक की नई सुबह

जिले की 152 पंचायतों में पहुंची सरकारी सेवाएं

कोटा ब्लॉक के सीमावर्ती केंदा सहित कई गांवों में दिखा बदलाव का प्रभाव

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंचायती राज दिवस 2025 के अवसर पर प्रारंभ की गई योजना ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ ने गांवों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सुविधा, समय की बचत और आत्मनिर्भरता का नया अध्याय जोड़ा है। यह पहल राज्य में डिजिटल शासन के विज़न को गांव-गांव तक ले जाने का एक सफल उदाहरण बन चुकी है। इस योजना के तहत जिले की 152 ग्राम पंचायतों में एक साथ ये केंद्र स्थापित किए गए, जिनका उद्देश्य था ’’सरकारी सेवाओं को गांव में ही सुलभ बनाना’’। आज भी ऐसे लोग है जो डिजिटल सुविधाओं से वंचित है। प्रदेश में अंतिम नागरिक तक सेवाएं पहुंचाने के उद्देश्य से अटल डिजिटल सुविधा केंद्र की शुरूआत की गई। यह एक ऐसा केंद्र है जो गांव और छोटे कस्बों में लोगों को डिजिटल सुविधाएं देने का काम कर रहा है।

गांव की चौपाल से डिजिटल खिड़की तक
पहले जहां जाति प्रमाण पत्र, पेंशन, आय प्रमाण पत्र, बिजली बिल या बैंकिंग जैसे कार्यों के लिए ग्रामीणों को ब्लॉक या जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ती थी, वहीं अब ये सभी सेवाएं गांव के अटल डिजिटल सुविधा केंद्र पर ही उपलब्ध हैं। इससे न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि लोगों की रोज़ाना की कमाई और श्रम पर भी असर नहीं पड़ता।

सुविधाएं
इन केंद्रों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति, आय, निवास के लिए आवेदन, पैसे निकालना एवं जमा करना, पेंशन और योजनाओं की राशि भी आसानी से मिल जाती है। बैंकिंग, बिजली और पानी का बिल जमा करना, सरकारी योजनाओं सहित बहुत सारी सुविधाएं मिल रही है।

केंदा बदलाव की एक झलक
कोटा ब्लॉक के दूरस्थ गांव केंदा में यह परिवर्तन प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। ग्रामीणों ने इस केंद्र को सहजता से अपनाया है, और मात्र 5 महीनों में यहां 2 करोड़ रुपये से अधिक का डिजिटल ट्रांजेक्शन दर्ज हुआ है।

रामचरण सारथी, केंदा
पहले एक प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 20 किलोमीटर बेलगहना जाना पड़ता था। अब ये काम गांव में ही हो जाता है।

पूर्णिमा मानिकपुरी
सिलपहरी से आई दीदी श्रीमती पूर्णिमा मानिकपुरी ने बताया कि सरकार द्वारा शुरू की गयी यह सुविधा हम ग्रामीणों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। पहले हम अपने छोटे से काम के लिए भी 20 किमी दूर बेलगहना जाते थे। हमारे समय और पैसे भी बहुत खर्च होते थे। हमने कभी सोचा भी नहीं था कि कभी ऐसी सुविधा भी मिलेगी कि इतनी आसानी से सारे जरूरी काम हो जाएंगे। पहले एक छोटे से काम के लिए पूरा दिन निकल जाता था। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार की इस पहल से हमें दिक्कतों से निजात मिल गई है।

रूद्र प्रताप सिंह, बड़गंवा
बड़गंवा से रूद्र प्रताप सिंह आधार कार्ड अपडेट करवाने आए थे। उन्होंने बताया कि आधार अपडेट, जन्म प्रमाण पत्र, बैंकिंग जैसे सारे काम आसानी से हो जाते है।

दुर्गा कैवर्त, केंदा
श्रीमती दुर्गा कैवर्त महतारी वंदन योजना की राशि निकालने आई थी। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, ई श्रम कार्ड, राशन कार्ड अपडेट जैसे सारे काम अटल डिजिटल सुविधा केंद्र में हो जाते है। सरकार की इस पहल से हमारे समय और पैसे दोनों की बचत हुई है।

चैती बाई, केंदा
लगभग 70 वर्षीय श्रीमती चैती बाई के चेहरे पर संतोष के भाव दिखे। उन्होंने बताया कि इस उम्र में भाग दौड़ करना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को इस पहल के लिए धन्यवाद दिया। श्रीमती चैती बाई ने बताया कि यहां से 20 किलोमीटर दूर बेलगहना के जाने के लिए वे दूसरों पर निर्भर रहती थी। अक्सर पैसों की भी दिक्कत बनी रहती थी। ऐसे में यह सुविधा केंद्र किसी वरदान से कम नहीं है। इसी प्रकार श्रीमती सुशीला बाई, श्रीमती उर्वशी भानू, बुधवार सिंह सहित अन्य लोगों ने भी सुविधा केंद्र पहंुचकर यहां उपलब्ध सुविधाओं का लाभ लिया। उन्होंने बताया कि अटल डिजिटल सुविधा केंद्र हम लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। अब हमारे सारे जरूरी काम मिनटों में निपट जाते है। इस केंद्र की यह बड़ी खासियत है कि रविवार को छोड़कर अवकाश के दिनों में भी यह केंद्र खुला रहता है, जब बैंकों से अवकाश के दिनों में पैसा नहीं निकल पाता तब यह हमें फौरी राहत देता है।

विरेंद्र कुमार कैवर्त, ऑपरेटर
अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के ऑपरेटर श्री विरेंद्र कुमार कैवर्त ने बताया कि यहां रोज 60 से 70 लोग अपना काम करवाने आते है। कोटा ब्लॉक के इस दूरस्थ गांव में जहां संसाधनों का अभाव है वहां ग्रामीणों की मदद करने से आत्मीय खुशी मिलती है।

जिले में सेवा और सशक्तिकरण की तस्वीर
152 पंचायतों में एमओयू पूर्ण। 60,730 से अधिक ट्रांजेक्शन। 17.72 करोड़ रूपए से अधिक की राशि।
यह योजना छत्तीसगढ़ सरकार की ग्रामीण सशक्तिकरण और सुशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। तकनीक को गांवों तक पहुंचाकर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि विकास की धारा गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। यह पहल गांवों को तकनीक से जोड़कर उन्हें सक्षम और आत्मनिर्भर बना रही है।

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