जल से जीवन तक की 25 वर्षों की गौरवगाथा
छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष 2025
खारंग जल संसाधन संभाग ने बढ़ाया सिंचाई क्षमता का दायरा
बिलासपुर. जिले में वर्ष 2000 से 2025 तक के पच्चीस वर्षों में खारंग जल संसाधन संभाग ने प्रदेश की जल संसाधन विकास योजनाओं में अग्रणी भूमिका निभाई है। इस अवधि में संभाग ने जल संरक्षण, सिंचाई क्षमता विस्तार एवं कृषि विकास की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित की हैं।
जिले में पिछले 25 वर्षों में कुल 31 जलाशय, 08 व्यपवर्तन योजनाएँ, 01 उद्वहन योजना तथा 72 एनीकट एवं स्टॉपडेम का सफल निर्माण किया गया। इन परियोजनाओं से कुल 33 हजार 795 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित हुई। खरीफ मौसम में 23 हजार 287 हेक्टेयर, रबी मौसम में 10 हजार 508 हेक्टेयर कृषि भूमि तक सिंचाई पहंुची। जल वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 72 नहरों का निर्माण किया गया जिसकी कुल लंबाई 192 किलोमीटर है। निर्मित संरचनाओं से भू-जल स्तर में सुधार एवं वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहन मिला है।
वृहद सिंचाई योजना – खारंग जलाशय –
संभाग की प्रमुख उपलब्धि खारंग वृहद सिंचाई योजना है। इस योजना से अकेले ही 8 हजार 300 हेक्टेयर खरीफ सिंचाई क्षमता तथा 7 हजार 500 हेक्टेयर रबी सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है। इस परियोजना ने क्षेत्र की कृषि व्यवस्था को नई दिशा प्रदान की तथा किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
कृषि एवं ग्रामीण विकास पर प्रभाव –
सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से बहुफसलीय खेती को बढ़ावा मिला, जिससे कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में निरंतर वृद्धि हुई। किसानों की आय में सुधार के साथ ग्रामीण आजीविका में स्थायित्व आया। साथ ही, जल संरक्षण एवं पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।


