4 श्रम संहिता लागू करना मोदी सरकार का श्रमिक विरोधी कदम – कांग्रेस

 
पूंजीपतियों के लाभ के लिए मजदूरों को गुलाम बनाने का मोदी सरकार का षड्यंत्र


रायपुर।
 श्रम कानूनों में परिवर्तन को देश के मेहनतकश जनता के साथ छल है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि मजदूर संगठनों के कड़े विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने कॉर्पाेरेट हित में मजदूरों को गुलाम बनाना चाहती है। 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को रद्द करके 4 श्रम संहिता मनमानी पूर्वक थोपना श्रमिकों पर अत्याचार है। नया कानून मजदूरों के जीवन और आजीविका को संकट में डालने वाला है।


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि श्रम नीति 2025 का मसौदा केवल कॉर्पाेरेट परस्त नीतियों पर आधारित है मेहनतकश जनता के हितों के खिलाफ है। इस नई श्रम संहिताओं का आधार ही मजदूरों का शोषण और गुलामी है। पूंजीवादी गुलाम संघीयों और भाजपाइयों के लिए विकास का पर्याय ही कॉर्पाेरेट का मुनाफा है, श्रमिकों का खून चूस कर पूंजीपतियों का पोषण करने का षड़यंत्र रचा गया है। श्रमवीरों के परिश्रम और पसीने की यह सरकार लगातार अपमानित कर रही है भाजपा सरकार।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था और संवैधानिक प्रक्रिया को तक कुचलने पर आमादा है। करोड़ों मजदूरों के हित प्रभावित होने वाले दो दर्जन से ज्यादा श्रम कानून, बिना चर्चा, बिना सदन में बहस के विपक्षी दल के सांसदों को मार्शल लगाकर बाहर करके पास कर दिया गया। कहीं पर किसी की सुनवाई नहीं है। काम के घंटे बढ़ाए गए, महिला श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाएं ख़त्म कर दी गई। भाजपा की सरकार केवल पूंजीपति मित्रों की सेवा में लगी है आम जनता इन कॉर्पाेरेट परस्त नीतियों से तंग आ चुकी है।
Tags:,

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!