50 प्रतिशत मतदाताओं का भी एसआईआर नहीं हुआ फिर 22 लाख कैसे लापता हो गये?
रायपुर/03 दिसंबर 2025। चुनाव आयोग का दावा है कि एसआईआर प्रक्रिया में 22 लाख मतदाता लापता है इनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि चुनाव आयोग ने इन मतदाताओं के नाम को डी केटेगरी में रखा गया है और जनवरी तक का समय दिया गया है वे अपने होने का दस्तावेज प्रस्तुत करे। 50 प्रतिशत मतदाताओं का भी एसआईआर नहीं हुआ फिर 22 लाख कैसे लापता हो गये? 22 लाख मतदाता नहीं मिल रहे, मतलब चुनाव आयोग के बीएलओ इन 22 लाख मतदाता के पास पहुंच ही नहीं पाये। चुनाव आयोग जो एसआईआर करवा रहा है वो एसआईआर पूरी गंभीरता से नहीं हो रहा है। निर्वाचन आयोग ने एसआईआर शुरू करने में सार्वजनिक तौर पर कहा था कि बीएलओ हर घर में तीन-तीन बार जायेंगे, अब तक बीएलओ हर नागरिक के घर नहीं पहुंचे है। बीएलओ एक ही जगह से सभी फार्म पहुंचा रहे है, जो नहीं मिल रहा। उनके बारे में कोई भी पतेसाजी नहीं की जा रही है। सत्ता के दबाव में उच्च अधिकारी बीएलओ के पसर्नल मोबाईल पर मैसेज भेजकर मतदाता सुची में नाम काटने जोड़ने का दबाव बना रहे है। आयोग के द्वारा बीएलओ के उपर अनुचित दबाव डाला जा रहा है, जल्दी प्रक्रिया पूरी करें। आयोग दावा करता है कि 97 प्रतिशत लोगो तक फार्म पहुंच गया है तो 22 लाख मतदाता कैसे लापताई है उनके बारे में आपको जानकारी क्यों नहीं है?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बड़ी संख्या में लोग रोजी रोटी के लिये उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, असम जाते है और दूसरे राज्य में जाते है, क्योकि यहां मनरेगा को अघोषित रूप से बंद कर दिया गया है। एसआईआर प्रक्रिया सिर्फ 1 महिने के लिये चालू किया है। केई मजदूर अपने रोजी रोटी छोड़ के एसआईआर कराने वापस तो आयेगा नहीं, इतनी जागरूकता उनके अंदर नहीं है। एसआईआर नहीं कराने दुष्प्रभाव के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बार-बार मांग कर रही है कि एसआईआर प्रक्रिया को तीन महिने बढ़ाई जाये इसलिये कर रहे, ताकि जो लोग कमाने खाने गये है वापस आ जाये वह भी अपना एसआईआर करवा सकें।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह जो 22 लाख का आंकड़ा है विचलित करने वाला आंकड़ा है। पौने तीन करोड़ की आबादी में 22 लाख मतदाता नहीं मिल रहे है यह चिंता का विषय है। यह खबर कांग्रेस उस आरोपो की पुष्टि है कि एसआईआर के बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम करेंगे।


